वेतन देने के नाम पर रोज बनाए जा रहे हैं नए-नए बहाने
कालीचरण
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के 110 सरकारी शराब दुकानों में कार्यरत 340 कर्मचारियों (सुपरवाइजर और सेल्समेन) को अगस्त 2023 से लेकर 29 फरवरी 2024 तक सात माह से वेतन नहीं मिला है। वहीं वेतन देने के नाम पर इनके भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है।
ये सभी कर्मचारी महीनों से वेतन मिलने की आस लगा बैठे हैं। मगर अब तक इन्हें वेतन नहीं मिला है। जिससे ये भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि जिले के 110 शराब दुकानों में मैनपॉवर का ठेका पश्चिम बंगाल कोलकाता की कंपनी विवेल द्वारा लिया गया है। जिसने राज्य सरकार की आंख में धूल झोंकने के लिए जनवरी 2024 तक सभी कर्मचारियों के खाते में पीएफ का पैसा भी जमा करा दिया है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं ठेका कंपनी कर्मचारियों के साथ भी धोखा कर रहा है। साथ ही राज्य सरकार को भी अंधेरे में रखा जा रहा है। जबकि महीनों से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। इन सरकारी दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी बाहर से आए हुए हैं और जो यहां किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। जिनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो रहा है। साथ ही यहां के रहने वाले कर्मचारियों को अपने बच्चों की स्कूल फीस देने के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके कारण इनका पल-पल जीना भी मुश्किल हो रहा है। मगर मामले को लेकर उत्पाद विभाग ने मौन साध रखा है। सूत्रों से पता चला है कि हर महीने 2 से 5 तारीख के बीच कर्मचारियों द्वारा अटेंडेंस का मास्टर रोल जिले के उत्पाद विभाग में जमा कर दिया जाता है। बावजूद इसके अब तक इनके वेतन का आत-पता नहीं है। फिर भी सभी कर्मचारी वर्तमान में वेतन की आस लिए सरकारी शराब दुकानों में कार्यरत है। अब अगर ऐसे में इनसे कोई गलती हो जाए तो इसका दंड भी उन्हें ही भुगतना पड़ेगा। और तो और विभाग का डंडा भी इनपर ही चलेगा। विभाग को सिर्फ कर्मचारियों के काम से मतलब है। उन्हें इनकी परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है। वहीं वेतन देने के नाम पर विभाग और ठेका कपनी रोज नए-नए बहाने भी बना रहे हैं। जिसके तहत को-ऑर्डिनेटर नंदन जालुका का 16 फरवरी तक कहना था कि मुख्यालय से उनके पास फंड आ गया है और सभी कर्मचारियों को तत्काल दो माह का वेतन दिया दे दिया जाएगा। जिसके कुछ दिनों बाद पुनः दो माह का वेतन दिया जाएगा। साथ ही फरवरी माह के अंत तक बचे हुए एक माह का वेतन भी दे दिया जाएगा। इसी तरह सहायक आयुक्त उत्पाद रामलीला रवानी ने 29 फरवरी को कहा था कि कमिश्नर से बात हो गई है और एक-दो दिनों के अंदर ही सभी को वेतन दे दिया जाएगा। मगर अब तक वेतन मिलना तो दूर इसकी सुगबुगाहट तक नहीं है। जिससे ठेका कंपनी और विभाग दोनों संदेह के घेरे में है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक विभाग द्वारा कर्मचारियों का वेतन नहीं भेजा गया था।