पर्यावरणविद और समाजसेवी कहे जाने वाले लोग जंगल से अवैध लकड़ी की कटाई कर रहे है : शांति पांडे

मेदिनीनगर : भाजपा नेता शह समाज सेवी शांति पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है की आज के दिनो मे समाजसेवी या यू कहे तो पर्यावरण विद जो बड़े बड़े संवाद कर रहे है।समाचार पत्रों के द्वारा वन संरक्षण का प्रचार कर रहे है।यही है प्राकृतिक के सबसे बड़े दुश्मन,इनका लकड़ी काटने का आरा मसीन भी है।ये पैसों के बल पर वन विभाग के अधिकारियों से सेटिंग करके जंगल में लाखो पेड़ो की कटाई करवाते है और उसे बेचने का काम कर रहे है। और यह अपने आप को समाजसेवी और पर्यावरणविद् कहते हैं।

ऐसे लोग ही जंगल को पूरी तरह बर्बाद कर रहे हैं।उन्होंने कहा की इन समाज सेवियों की वजह से क्षेत्र में जो भी वन संपदा है वह धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है. अगर इसी तरह इनके द्वारा हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई का सिलसिला जारी रहा तो आने वाले दिनों में क्षेत्र की हरियाली और वन संपदा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी और लकड़ी माफियाओं के साथ साथ इसके जिम्मेदार वन विभाग के अफसर भी होंगे।जिनके संरक्षण में यह कारोबार दिन-रात चल रहा है।उन्होंने कहा की नव जीवन में पौधों की जरुरत को देखते हुए हर साल सरकार हरियाली को लेकर पौधारोपण करने के लिए लाखों रुपए का बजट खर्च कर रही है, लेकिन वन जंगल को लकड़ी माफिया चपत लगाने में जुटा हुआ है।लकड़ी माफिया के द्वारा वर्षों पुराने पेड़ों की अंधाधुन कटाई की जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि सरकार के द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु किया जा रहा प्रयास कितना सफल होगा।

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