मेदिनीनगर: सीएस कार्यालय में एमडीए/आईडीए के सफल क्रियान्वयन के लिए सिविल सर्जन अनिल कुमार की अध्यक्षता में पिरामल फाउन्डेशन द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सफल रूप से संपन्न कराया गया ।इस बैठक में भी०. बी०. डी०. पदाधिकारी श्री जितेन्द्र कुमार व सलाहकार अरविंद द्विवेदी साथ में पिरामल टीम से अनिल कुमार, विजय पांडेय, सृजनी चक्रवर्ती, किशन मौर्य और अभिनव तथा सचिव नेहरू युवा केंद्र, एनएसएस/एनसीसी के कार्यक्रम प्रबंधक, भिन्न भिन्न विभाग के जिला स्तरीय तथा विभिन्न प्रखंड स्तरीय अधिकारी जैसे बीडीओ, बीईईओ, बीपीआरओ, आईसीडीएस, जेएसएलपीएस एवं अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थिति रहे। विभिन्न विभागों से आए हुए पदाधिकारियों को एमडीए आईडीए कार्यक्रम के बारे में बताते हुए उसकी महत्ता को समझाया गया, विश्व में दिव्यंगता का सबसे बड़ा दूसरा कारण फाइलेरिया है जिसे आम बोलचाल की भाषा में लोग हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। लोग इससे प्रभावित तो है लेकिन इसके बारे में जागरूक नहीं है। ऐसी स्थिति में आप सभी पदाधिकारियों से आग्रह है कि आप सभी लोग अपनी टीम और अपने आस पास मौजूद लोगो के बीच में इसके बारे में चर्चा करें और लोगो के बीच में फाइलेरिया की सही जानकारी दें तथा सभी को एमडीए आईडीए कार्यक्रम के तहत खिलाई जाने वाली दवाओं का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करें। इस प्रोग्राम में खिलाए जाने वाली सभी दवाएं भारत सरकार द्वारा प्रमाणित व विश्वसनीय है। कभी कभी ऐसा होता है कि कुछ लोगों को कुछ समस्याएं सकती है जैसे की हल्का बुखार, सिरदर्द, उल्टी, चक्कर और खुजली जैसी छोटी मोटी समस्याएं हो सकती है, ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं ये समस्याएं 24 घंटे के अंदर समाप्त हो जाती है यदि आप चाहें तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। दवा खाते व खिलाते हुए हमे कुछ मानकों का ध्यान देना है और खाली पेट दवा नही खानी है।ये रोग मच्छर के काटने से फैलता है, और ये अपना प्रभाव तुरंत नही दिखाता बल्कि ये 5 से 15 साल में इसका प्रभाव देखने को मिलता है और एक बार फाइलेरिया हो जाने के बाद इसका कोई इलाज नहीं है इसलिए इसके रोक थाम के लिए हम सभी लोगों दवा खाना जरूरी है, और साथ ही हम कुछ अतिरिक्त सावधानी रख सकते हैं जैसे मच्छरदानी का प्रयोग करें और अपने आस पास जल जमाव ना होने दें।वर्ष में एक बार सब दवा खाएं।फाइलेरिया को जड़ से मिटाएं।