श्राद्धकर्म पर पौधे लगाने से धरती मां व पितरों के अतृप्त आत्मा को मिलती हैं शांति: डॉ कौशल

 

मेदिनीनगर: विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद ट्री मैन डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के तहत गया श्राद्ध पितृपक्ष मेले में आए लोगों को पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ थाईलैंड प्रजाति के बारहमासी आम और कटहल का पौधा दान किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि पर्यावरण धर्म के तहत मृतक के आत्मा की शांति के लिए पिंड पानी देने का और धरती मां के धधकती आत्मा की शांति के लिए पौधा पानी देने का विधान है।बनाराखी मूवमेंट के प्रणेता ट्री मैन डॉ कौशल ने कहा कि उनके द्वारा चलाया गया निशुल्क पौधा वितरण सह रोपण में 58 वर्ष व पर्यावरण धर्म सह बनराखी मूवमेंट के 48 वर्ष पूरा होने के उपरांत इस वर्ष विश्व के पांच देश और देश के 10 राज्यों में दो लाख पौधों का वितरण व रोपण और वृक्षों रक्षाबंधन और पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी के आयोजन करने का निर्णय लिया है। जिसका उद्घाटन 3 जून को अज़रबैजान के राजधानी बाकू और 13 अगस्त को थाईलैंड के राजधानी बैंकॉक से किया गया था। इसके बाद मध्य प्रदेश दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश में अभियान चलाकर पौधों का वितरण किया गया । उसी कड़ी में मंगलवार को बिहार के पितृपक्ष मेले में आए लोगों के बीच पौधों का वितरण कर उन्हें पर्यावरण धर्म के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया गया।पर्यावरण धर्म गुरु कौशल ने कहा कि समय रहते लोग अपना धर्म के साथ पर्यावरण धर्म को अपनाकर बढ़ते प्रदूषण, भीषण गर्मी, जल संकट और जलवायु परिवर्तन को नहीं रोका गया तो डायनासोर की तरह मानव का भी जीवन लीला समाप्त हो जाएगा। मौके पर भू नंदन ठाकुर, रितेश कुमार तिवारी, संतान कुमार गुप्ता, पारस नाथ गुप्ता, पार्वती देवी, देवमणिया देवी, डाली पंचायत के पूर्व मुखिया अफजाल अंसारी, सत्य सिंह उपस्थित थे।

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