DELHI- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का विवाद से चोली दामन का सबंध है. उनपर पहले शराब पीकर गुरुद्वारा में जाने का आरोप लग चुका है. अब उनकी बेटी ने हीं उनपर बड़ा आरोप लगाया है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बेटी सीरत कौर ने अपने पिता पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मेरे पिता शराब पीकर गुरुद्वारा जाते हैं। वह तीसरे बच्चे के बाप बनने वाले हैं। इस बाबत उन्होंने एक वीडियो जारी किया है.
वीडियो में सीरत कौर को अपने पिता भगवंत मान के खिलाफ आरोप लगाते देखा जा सकता है। सीरत ने कहा कि भगवंत मान ने उन्हें और उनके भाई की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया है। वीडियो में सीरत ने पूछा, “यदि कोई व्यक्ति माता-पिता की जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर सकता है, तो उसे पंजाब को चलाने की जिम्मेदारी कैसे सौंपी जा सकती है?” सीरत कौर ने बताया कि उनके पिता तीसरे बच्चे के बाप बनने वाले हैं। उन्होंने बताया कि यह जानकारी उन्हें पिता के आसपास के लोगों से मिली है। सीरत ने कहा कि उनके पिता की पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर ने उन्हें और उनके भाई को दरकिनार कर दिया है। डॉ. गुरप्रीत कौर गर्भवती हैं। सीरत ने सवाल किया कि जिस व्यक्ति ने अपने दो जवान बच्चों को छोड़ दिया है उसे तीसरा बच्चा पैदा क्यों पैदा करना चाहिए?
सीरत ने बताया कि उन्होंने अपने पिता के नाम से खुद को अलग कर लिया है। भाजपा नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने वीडियो को लेकर कहा कि जो लोग अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर सकते उनपर राज्य के हितों के लिए काम करने का भरोसा नहीं किया जा सकता है। बता दें इससे पहले शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आरोप लगाया था कि पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने बैसाखी के मौके पर नशे की हालत में तख्त दमदमा साहिब में प्रवेश किया था। समिति ने इसके लिए पंजाब के मुख्यमंत्री से माफी की भी मांग की थी। एसजीपीसी के महासचिव करनैल सिंह पंजोली ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गुरु घर जाने के दौरान बुनियादी नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने टिप्पणी की कि यदि मान शराब पीना बंद नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें गुरु के घर के अंदर आने से बचना चाहिए।
वहीं पहले भी पंजाब पुलिस ने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने, दुश्मनी को बढ़ावा देने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया था। आप नेता सनी अहलूवालिया की शिकायत पर बग्गा के खिलाफ तीन अप्रैल को मामला दर्ज किया गया था। अहलूवालिया ने बग्गा पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने, वैमनस्य को बढ़ावा देने, शत्रुता, घृणा-द्वेष की भावना पैदा करने के लिए झूठे और भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाया था।