गढ़वा: गढ़वा जिले के सिरोईकला में आदिवासी महिला के साथ यौन शोषण एवं धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव देने का मामला राजव्यापी बनते जा रहा है. इस मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का दूत बन कर पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी पीडिता के घर पहुंचे तथा उसकी सुरक्षा व्यवस्था पर प्रशासन पर दबाव बनाया, वहीं अब तक इस मामले में इंडिया गठबंधन से जुड़े राजनीतिक पार्टियां से जुड़े नेता मौन साधे बैठी है.ऐसे में यह मुद्दा आने वाला विधानसभा चुनाव में विशेषकर गढ़वा जिले में चुनावी मुद्दा भी बन सकता है क्योंकि जिस प्रकार से पिडिता को आरोपी द्वारा डरा धमकाकर यौन शोषण किया गया तथा धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया वह कहीं ना कहीं झारखंड की आदिवासी की तथाकथित हितैसी सरकार के लिए आने वाले चुनाव में महंगा साबित हो सकता है।दुष्कर्म पीड़िता के घर सोमवार को पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी पहुंचे। उन्होंने पीड़िता को हर संभव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। वहीं पीड़िता व उसकी परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात किया। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से भी मौके से ही बात किया। जब तक पुलिस पीड़िता के घर नहीं पहुंची तब तक पूर्व विधायक वहीं पर बैठे रहे। रंका पुलिस को पीड़िता के घर पहुंचने के बाद ही वे वहां से उठे। पूर्व विधायक पुलिस प्रशासन की नहीं पहुंचने पर पीड़िता व उसके परिवार वालों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से अपने साथ ले जाने की भी बात कह रहे थे। हालांकि एसपी से बात करने के बाद रंका पुलिस पीड़िता के घर पहुंच गई थी। पीड़िता व उसके भाई ने कहा कि हमलोगों की जान को खतरा है। आरोपी काफी दबंग व अपराधी प्रवृत्ति का है। मौके पर पूर्व विधायक ने कहा कि पीड़िता के साथ काफी अन्याय हुआ है। प्रशासन भी पीड़िता को सहयोग नहीं किया। अन्यथा ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जानकारी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दिया और पीड़िता के घर जाकर स्थिति से अवगत होने के लिए कहा। इसके बाद वे पीड़ित के घर पहुंचे हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि आदिवासी हित की बात करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व उनकी तंत्र आज कहां है। गढ़वा के विधायक सह मंत्री ने पीड़िता का सूध क्यों नहीं लिया। उन्होंने कहा कि आदिवासी की बात कहने वाले झामुमो के लोग आदिवासियों का शोषण करना जानते हैं और अपना झोला भरना जानते हैं। ज्ञात कि पीड़िता ने थाना व पुलिस के चक्कर लगाने के बाद थक कर 24 अगस्त को गढ़वा कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ परिवाद दायर किया है। तब से मामला गंभीर हो गया है। उसके बाद इसकी जानकारी पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी तक पहुंची। मरांडी ने इस मामलें को अपने सोशल मीडिया के जरिए साझा करते हुए पूर्व विधायक को पीड़ीता को न्याय दिलाने की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मरांडी के निर्देश पर पूर्व विधायक ने पीड़ीता के घर जाकर स्थिति से अगवत होकर पीड़ीता को हरसंभव न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया।
हथियार के बल पर पहली बार 14 वर्ष के उम्र में दुष्कर्म किया : पीड़िता
पीड़िता ने कहा कि आरोपी रंका निवासी इजहार अंसारी पहली बार 14 वर्ष के उम्र में हथियार के बल पर दुष्कर्म किया। इसके बाद वह लगातार दुष्कर्म करते रहा। किसी से कहने पर उसे व उसकी परिवार वालों को हत्या करने की धमकी देता रहा। धमकी देकर उसे 20 वर्षों तक शोषण करता रहा। विरोध करने पर वैश्यावृत्ति में धकेलने की बात आरोपी करने लगा। पीड़िता ने कहा कि इजहार अंसारी पूर्व में नक्सली था। बाद मे वह मुखिया बन गया है। उसने कहा कि इस दौरान उसकी तीन बार गर्भापात कराया। वहीं इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाता रहा। पीड़िता ने कहा कि इस दौरान आरोपी इजहार अंसारी के चंगुल से मुक्त होकर परिवार के लोगों ने दो बार उसकी शादी कराई। लेकिन आरोपी ने धमकी देकर तलाक करा दिया और अपने पास रहने के लिए दबाव बनाने लगा। वहीं पीड़िता के भाई ने कहा कि जेएमएम नेता नितेश सिंह मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। लगातार फोन कर अपने पास बुला रहे हैं।