लातेहार: जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल लोध फॉल के पास पर्यटकों की सुरक्षा के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं, उस मापदंड का उल्लंघन करना काफी खतरनाक हो सकता है. इसी प्रकार का एक नजारा लोध फॉल के पास दिखा. यहां दो पर्यटकों के द्वारा सुरक्षा मानकों का उल्लंघन किया गया. इस कारण दोनों पर्यटकों की जान लगभग आधे घंटे तक खतरे में पड़ी रही. हालांकि फॉल के पास सक्रिय पर्यटन मित्रों के द्वारा सक्रियता दिखाते हुए दोनों युवकों को सकुशल फॉल की धारा से बाहर निकाला गया।दरअसल लातेहार जिले के बालूमाथ प्रखंड के रहने वाले दो युवक लोध फॉल घूमने गए थे. इसी बीच दोनों युवक उत्साहित होकर फॉल की मुख्य धारा के निकट पहुंच गए. जबकि लोध फॉल के पास स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि किसी भी सूरत में पानी के निकट न जाए. फॉल के पास तैनात पर्यटन मित्रों ने भी दोनों युवकों को उधर नहीं जाने की चेतावनी दी थी. परंतु युवक सुरक्षा के इस मानक का उल्लंघन करते हुए फॉल की मुख्य धारा के पास चले गए. इसी बीच छत्तीसगढ़ में हुई बारिश के कारण अचानक फॉल में पानी बढ़ गया. जिसके कारण दोनों युवक बीच धारा में फंस गए. दोनों युवक धारा के बीच स्थित एक पत्थर पर खड़े होकर मदद के लिए पुकारने लगे।इधर फॉल के मुख्य धारा में युवकों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद यहां कार्यरत पर्यटन मित्रों ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल रेस्क्यू अभियान आरंभ कर दिया. दो मजबूत लकड़ियों के सहारे फॉल के धारा के बीच पुलिया बनाकर दोनों युवकों को धारा से बाहर निकाला गया. लगभग आधा घंटे तक फॉल की धारा के बीच से सुरक्षित बाहर निकालने के बाद युवकों के साथ-साथ पर्यटन मित्रों ने भी राहत की सांस ली. यहां बताते चलें कि लातेहार जिले के महुआडांड़ प्रखंड में स्थित लोध फॉल झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. यहां लगभग 143 मीटर की ऊंचाई से पानी पहाड़ी से सीधे जमीन पर गिरता है।इधर लातेहार जिले के महुआडांड़ एसडीएम रतन कुमार ने कहा कि जो भी पर्यटक किसी भी पर्यटन स्थल में घूमने जाते हो तो वहां तय की गई सुरक्षा के मानकों का अनिवार्य रूप से पालन करें. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों पर पर्यटन मित्र या सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं. लोध फॉल, सुगा बांध समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर घूमने के लिए रास्ता तय किया गया है. इसलिए सभी पर्यटकों से अपील है कि प्रशासन के द्वारा बनाए गए सुरक्षा के मानकों का अनिवार्य रूप से पालन करें।