महाशिवरात्रि’ निमित्त अध्यात्मविषयक ग्रंथप्रदर्शनियां और जालस्थल पर भी श्रद्धालुओं के लिए ग्रंथ उपलब्ध !
कतरास : ‘महाशिवरात्रि’ को शिव तत्त्व अन्य समय की तुलना में हजार गुना अधिक कार्यरत होता है । इस दिन भगवान शिवजी की उपासना जितनी अधिक करते हैं, उपासक को आध्यात्मिक स्तर पर उतना अधिक लाभ होता है । इस अनुषंग से शिवजी की उपासना सहित विभिन्न विषयों पर श्रद्धालुओं को शास्त्रीय जानकारी मिलने की दृष्टि से महाशिवरात्रि निमित्त 8 मार्च को सनातन संस्था द्वारा देश के अनेक राज्यों में विशेष ग्रंथ प्रदर्शनी कक्ष लगाए जाने वाले हैं । झारखंड राज्य के कतरास, धनबाद और जमशेदपुर में भी कुल 08 स्थानों पर इन ग्रंथ प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया है। आपके क्षेत्र में सनातन संस्था की ग्रंथ प्रदर्शनी कक्षों का अवलोकन कर भगवान शिवजी तथा अन्य विभिन्न विषयों पर धर्मशास्त्रीय जानकारी प्राप्त करें तथा आध्यात्मिक स्तर पर महाशिवरात्रि का लाभ उठाएं’, ऐसा आवाहन सनातन संस्था द्वारा किया गया है । उसी प्रकार इस निमित्त अध्यात्म, धर्म, आयुर्वेद, राष्ट्ररक्षा आदि अनेक विषयों के ग्रंथ सनातन संस्था के जालस्थल पर विक्रय के लिए उपलब्ध हैं, यह भी सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित प्रसिद्धीपत्रक में बताया गया है।
भगवान शिवजी का कार्य, शिवजी की उपासना का शास्त्र, शिवपिंडी की अर्ध परिक्रमा क्यों करते हैं ? शिवजी को बेलपत्र चढाने का महत्त्व, रुद्राक्ष का महत्त्व, ज्योतिर्लिंग के स्थान और उनका आध्यात्मिक महत्त्व आदि अमूल्य ज्ञान सनातन के इस कक्ष पर ग्रंथ रूप में उपलब्ध रहेगा। शिवतत्त्व आकर्षित करने वाली रंगोली की आकृति वाला लघुग्रंथ ‘सात्त्विक रंगोलियां’ भी इस कक्ष पर उपलब्ध रहेगा । इस कक्ष में अध्यात्म विषयक ग्रंथों सहित राष्ट्र, धर्म, आयुर्वेद, बालसंस्कार, आदि विभिन्न विषयों की ग्रंथसंपदा भी उपलब्ध रहेगी तथा गोमूत्र अर्क, जप माला, सात्त्विक अगरबत्ती, भीमसेनी कर्पूर, सात्त्विक इत्र आदि पूजा में उपयोग किए जाने वाले सात्त्विक उत्पादन भी प्रदर्शनी कक्षों पर मिलेंगे।
कतरास में ग्रंथ कक्ष लगाए जानेवाले कुछ महत्त्वपूर्ण स्थान और समय
1. नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, कतरास
समय, संध्या 4 बजे से 7 बजे तक
2. भगत मोहल्ला, कतरास
समय, संध्या 4 बजे से 7 बजे तक रहेगा.