नदियों एवं पुल का अस्तित्व खतरे में
संजय सागर
बडकागांव : बड़कागांव अंचल क्षेत्र के विभिन्न नदियों से बालू का अवैध उत्खनन 24 घंटा जारी है. जिससे ट्रैक्टरों, टर्बो एवं हाइवा से बालू की ढुलाई होती है. इससे नदियों एवं पुल का अस्तित्व खतरे में है. बालू माफिया एवं संबंधित अधिकारी हो रहे हैं मालामाल. वहीं सरकार का करोड़ों रुपए का राजस्व की हो है चोरी. रात में नदियों से बालू ढुलाई किए जाने से वाहनों की आवाज से लोगों को नींद हराम हो रही है. वहीं नदी के साथ-साथ पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पुल पर भी प्रभाव पड़ रहा है. 7 वर्ष पूर्व कांड़तरी पुल का ध्वस्त होने का कारण बालू उत्खनन ही माना जा रहा है. बड़कागांव चौक से होते हुए रात 7 बजे से रात भर हाईवा से अवैध बालू की ढुलाई होती है. जबकि तलसवार, उरिमारी, डोंकाटांड़, नापोखुर्द, डाड़ी प्रखंड होते हुए भी हाइवा, टर्बो, ट्रैक्टर से ढुलाई होती है. कुछ हाईवा फर्जी कागज बनवाकर अवैध कारोबार करते रहते है. हालांकि प्रशासन द्वारा कभी कभार बालू ढोने वाले वाहनों को धर पकड़ की जाती है, लेकिन फिर वही ढांक के तीन पात हो जाती है. बालू का अवैध कारोबार निरंतरता चलता रहता है.
नदियों का आस्तित्व खतरे में हैं
बड़कागांव आंचलिक क्षेत्र के बादम के बदमाही नदी, आंगो स्थित दामोदर नदी, सांढ़, विश्रामपुर के बड़की नदी, हहारों नदी, बड़कागांव थाना के बगल में मंझला बाला नदी, छवनिया नदी, सिरमा नदी, चोरका पंडरिया नदी, नयाटांड़ के कुमरडीहा, तलसवार, शिवाडीह, गोंदलपुरा, पतरा, पलांडू, सदबहिया, महुदी, सोनपुरा, सिंगार सराय आदि नदियों से बालू का उत्खनन जोरों पर जारी है. अधिकांश ट्रैक्टरों, हाइवा एवं टर्बो से बालू को ढक कर नहीं ढोया जाता है, जिसके कारण बालू सड़कों में गिरते जाता है. धूलकण भी उड़ते रहता है. जिससे सड़क दुर्घटना होती है.
क्या कहना है सीओ का
सीओ बालेश्वर राम का कहना है कि नदियों की जांच पड़ताल के बाद कार्रवाई की जाएगी.