– भगवान का फल भले ही देर में मिले लेकिन सबको मिलता है – कथावाचक
– साकची रामलीला मैदान में दूसरे दिन प्रहलाद चरित्र का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए मंत्रमुग्ध
जमशेदपुर : साकची स्थित रामलीला मैदान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन रविवार को व्यास पीठ से कथावाचक स्वामी सर्वज्ञानन्द जी महाराज ने श्री जड़भरत कथा, अजामिल उपाख्यान एवं प्रहलाद चरित्र की कथा का रसास्वादन भक्तों को कराया। जिसके प्रसंग सुन श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। कथा से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना भी की गई। श्री श्री रामलीला उत्सव समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा में महाराज ने कहा कि भारत देव भूमि है। यहां किसी भी मानव का जन्म अपना कल्याण करने यानी जन्म-मृत्यु के चक्कर से छुटकारा पाने के लिए होता है। लेकिन माया के वश में आकर हम सब अपना मूल कार्य को भूलकर संसारिक भोग-विलासादि में फंस जाते हैं। जिसके कारण परेशानी होती है। कथावाचक ने कहा कि श्रीमद्भागवत में प्रह्लाद व धु्रव का चरित्र युवाओं को अपनाने के लिए एक अदभूत प्रकरण है। प्रह्लाद जी ने अपने साथियों से कहा कि युवावस्था में अपना कल्याण का मार्ग पकड़ लेना चाहिए। हमें अपने जीवन में सत्य को धारण करना चाहिए। सत्य को अपनाना चाहिए। क्योंकि जो सत्य नहीं है वह माया हैं। हम भगवान को छोड़कर माया को पकड़ते हैं तो हम कई सांसारिक मोह में बंध जाते हैं। इस दौरान अजामिल और प्रहलाद चरित्र कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने आगे बताया कि जिस प्रकार की शिक्षा माता सुनीति ने अपने पुत्र धु्रव को दिया था। जब प्रहलाद को उसके पिता हिरण्यकश्यप ने भगवान विष्णु का नाम लेने से रोका तो वह नहीं माने। इसलिए भक्त प्रहलाद को विभिन्न प्रकार की यातना दी गई। उन्होंने कहा कि जब भक्त प्रहलाद पर पिता हिरण्यकश्यप द्वारा प्रताड़ित किया गया तो आखिर में भक्त की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे से नरसिंह भगवान का अवतार लिया और धरती पर हिरण्यकश्यप के बढ़ते पाप और अत्याचार को मिटाने के लिए उसका वध किया। उन्होंने कहा कि आप जिस प्रकार से ईश्वर की कामना करोगे, उसी प्रकार से ईश्वर भी आपकी रक्षा करने में लगेगा। इसलिए सच्चे मन से भगवान की प्रार्थना करें और उसके फल की इच्छा न करें। भगवान का फल भले ही देर में मिले। लेकिन सभी भक्तों को मिलता है। वहीं तीसरे दिन सोमवार की दोपहर 3 बजे से महाराज जी श्री बलि वामन भगवान प्रसंग, श्रीराम जन्म, श्री कृष्ण जन्म एवं नंदोत्सव की कथा का विस्तार से प्रसंग सुनाएंगे। आज यजमान कुसुम-राम गोपाल चौधरी, सविता-शंकर लाल सिंघल, अंजु-अनिल कुमार अग्रवाल, रशिका-श्याम सुंदर अग्रवाल उपस्थित थे। मौके पर डॉ डीपी शुक्ला, रामफल मिश्र, पवन अग्रहरी, अनिल कुमार चौबे, मनोज कुमार मिश्र, रोहित कुमार मिश्र, रामकेवल मिश्र, सुरेश पाण्डे, मगन पाण्डे, महेश तिवारी, अखिलेश मिश्र, द्वारिका प्रसाद समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे।