ग्रिज़ली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित कोडरमा पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी “बुक बैंक” एक अद्वितीय सार्वजनिक सेवा का प्रतीक है

कोडरमा : ग्रिजली चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में संचालित कोडरमा जिले में एकमात्र सार्वजनिक पुस्तकालय “बुक बैंक” पिछले 6 वर्षों से स्थानीय लोगों की सेवा कर रहा है।

कोडरमा में साक्षरता को बढ़ावा देने और जनता के लिए खासकर के युवा वर्ग के लिए एक मूल्यवान संसाधन प्रदान करने के साझा दृष्टिकोण के साथ, वर्ष 2018 में कोडरमा की तत्कालीन पुलिस अधीक्षक श्रीमती शिवानी तिवारी, आईपीएस के अथक प्रयासों तथा ग्रिज़ली चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशकद्वय श्री मनीष कपसिमे एवं श्री अविनाश सेठ के सौजन्य से 25 फ़रवरी 2018 को कोडरमा जिले का पहला पुस्तकालय राँची – पटना राजमार्ग पर कोडरमा शहर के कोडरमा पुलिस थाना परिसर में खोला गया जिसके लिए जगह की उपलब्धता पुलिस विभाग द्वारा की गयी एवं पुस्तकें तथा अन्य संसाधन की व्यवस्था ग्रिज़ली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा की गई।
तत्कालीन प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, उपायुक्त डॉ भुवनेश प्रताप सिंह,आईएएस, श्रीमती शिवानी तिवारी, आईपीएस के करकमलो के द्वारा उपस्तिथ अन्य वरीय पदाधिकारियों की मौजूदगी में इस पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया था।

इस पुस्तकालय की स्थापना ग्रिजली चैरिटेबल ट्रस्ट और पुलिस प्रशासन के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास से की गई थी जिसका नाम शुरुवात में “पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी” रखा गया लेकिन कुछ वर्ष बाद वर्ष 2021 में कोडरमा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ एहतेशाम वकारीब ने इसका नाम बदलकर “बुक बैंक” रखने का सुझाव दिया और तब से इस पुस्तकालय का नाम “बुक बैंक” रखा गया ।
यह पुस्तकालय शिक्षा और ज्ञान-साझाकरण को बढ़ावा देने के लिए समुदाय की प्रतिबद्धता का उदाहरण देती है। पुस्तकालय जनता के सभी सदस्यों के लिए खुला है, चाहे उनकी उम्र, पृष्ठभूमि या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। यह सीखने, अनुसंधान और व्यक्तिगत विकास के लिए एक समावेशी स्थान के रूप में कार्य करता आ रहा है। 18 वर्ष से कम उम्र के छात्रों के लिए केवल रजिस्ट्रेशन शुल्क जो की 50 रूपए है वो लिया जाता है और 18 वर्ष से ऊपर सभी के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ मात्र 10 रूपए प्रतिमाह शुल्क लिया जाता है। जो व्यक्ति किसी पुस्तक को घर लेकर जाना चाहते है उनसे 200 रूपए सिक्योरिटी शुल्क लिया जाता है जो की पुस्तक को वापस करने के बाद वापस कर दिया जाता है। वर्षों से पुस्तकालय ने जिले में साक्षरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

युवा यहाँ प्रतिदिन आते है। उन्हें पढ़ने के लिए फिक्शन, नॉन-फिक्शन, संदर्भ पुस्तकें, बच्चों की किताबें, ग्राफिक उपन्यास और कॉमिक्स, सभी प्रकार की पत्रिकाएं, समाचार पत्र, जीवनियां और आत्मकथाएं, क्लासिक्स, शब्दकोष, शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा पुस्तकालय में मांग और सुझाव रजिस्टर भी उपलब्ध है ताकि कोई भी ऐसी पुस्तक जो छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए जरुरत है और वो उपलब्ध नहीं है तो उसे उस रजिस्टर में लिखकर मंगाया जाता है चाहे वो कितनी भी कीमत की हो। पुस्तकों की उपलब्धता सम्पूर्ण तरीके से ग्रिज़ली चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित ग्रिज़ली विद्यालय से किया जाता है। हर सप्ताह ग्रिज़ली विद्यालय की लाइब्रेरियन यहाँ आती है और भौतिक सत्यापन करती है तथा रजिस्टर के अनुसार पुस्तकों को उपलब्ध करवाती है। इस पुस्तकालय में पाठको के लिए पीने का शुद्ध पानी, कूलर, इन्वर्टर जैसे तमाम सुविधा प्रदान की जा रही है जिससे की पाठकों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हो। प्रतिदिन लगभग 30 पाठक पुस्तकालय आते है और यहाँ बैठकर इस सुविधा का लाभ ले रहे है। ज्यादातर वैसे छात्र-छात्राएं जो आर्थिक तौर पर संपन्न नहीं है और वो संघ लोक सेवा आयोग या राज्य सेवा आयोग या अन्य सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे है वैसे युवा प्रतिदिन यहाँ आते है और पुस्तकालय की सेवा का लाभ उठा रहे है।

अभी हाल ही में इसी पुस्तकालय से पढ़कर एक छात्र ने भारतीय स्टेट बैंक के क्लर्क की परीक्षा उत्तीर्ण की। वर्तमान में पुलिस विभाग से कांस्टेबल ममता देवी बतौर केयर टेकर अपनी ड्यूटी दे रहीं है तथा पुस्तकालय को सुचारु रूप से चलाने का कार्य कर रहीं है। पठन सामग्री के अपने व्यापक संग्रह के अलावा, पुस्तकालय समुदाय के कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से शैक्षिक कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और कार्यक्रमों की मेजबानी करता है। पुस्तकालय सामुदायिक जुड़ाव और बातचीत का केंद्र बन गया है। यह व्यक्तियों को इकट्ठा होने, विचारों का आदान-प्रदान करने और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता आ रहा है। वर्तमान परिवेश में जहाँ युवा मोबाइल में व्यस्त रहना पसंद करते है वही यह पुस्तकालय युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य कर रहा है। पंडित श्रीराम शर्मा ‘आचार्य जी ने भी कहा है की “अच्छी पुस्तकें जीवंत देव प्रतिमाएं हैं। उनकी आराधना से तत्काल प्रकाश और उल्लास मिलता है। वही विश्व प्रसिद्ध महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंसटाइन ने भी लाइब्रेरी के बारे में कहा था की “एक चीज जो आपको बिल्कुल सही-सही जाननी चाहिए वह है लाइब्रेरी का पता।” ग्रिजली चैरिटेबल ट्रस्ट और पुलिस विभाग के अधिकारियों के समर्पित समर्थन से, यह पुस्तकालय 6 वर्षों से लगातार संचालित हो रहा है, जिससे कोडरमा जिले के अनगिनत व्यक्तियों का जीवन समृद्ध हुआ है। कोडरमा जिले में पुलिस प्रशासन के सहयोग से स्थापित ग्रिजली चैरिटेबल ट्रस्ट की सार्वजनिक लाइब्रेरी बुक बैंक ने पिछले 6 वर्षों में साक्षरता, शिक्षा और सामुदायिक जुड़ाव में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और आने वाले वक़्त में कोडरमा के युवा इस पुस्तकालय की सेवा लेकर अपना जीवन सफल करें ऐसी इस पुस्तकालय से उम्मीद है।

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