मानव सेवा के लिए सिख गुरुओं ने दी शहादत, नई पीढ़ी को मिलेगी प्रेरणा – रघुबर दास

  1.  एग्रिको मैदान में दो दिवसीय शहीदी दिहाड़ा का हुआ समापन

जमशेदपुर : “सिख गुरुओं ने मानव सेवा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी और जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। सिख गुरुओं‌ और संगत का देश की सेवा में अहम योगदान रहा है। रंगरेटा महासभा का नई पीढ़ी को शिक्षा देने के लिए ऐसे समागम का आयोजन सराहनीय है।

उक्त बातें उडीसा के राज्यपाल सह राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रंगरेटा महासभा के बैनर तले सिदगोड़ा एग्रिको स्थित ट्रांसपोर्ट मैदान में आयोजित शहीदी दिहाड़ा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित होकर कही। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सिख गुरूओं के सम्मान में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का उल्लेख भी किया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सिख गुरूओं के सम्मान में सिक्के और डाक टिकट जारी करवाने के साथ-साथ छोटे साहिबजादों के शहादत पर वीर बाल दिवस घोषित किया गया है। वहीं उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल को याद दिलाते हुए कहा कि शहर में पहली बार सरकार ने सीजीपीसी के साथ मिलकर गोपाल मैदान में बड़े पैमाने पर गुरु पर्व मनाया था। इसी तरह उन्होंने गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, बाबा जीवन सिंह और चार साहिबजादों की शहादत पर प्रकाश भी डाला। उन्होंने देश की सुरक्षा में हमेशा अमूल्य योगदान देने के लिए सिखों की प्रशंसा करते हुए भविष्य में सिख समुदाय को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। कार्यक्रम में राज्यपाल रघुवर दास को रंगरेटा महासभा के अध्यक्ष मनजीत सिंह, झारखंड प्रदेश गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान सरदार शैलेंद्र सिंह, सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह और उद्योगपति राजीव दुग्गल द्वारा संयुक्त रूप से बाबा जीवन सिंह जी की स्मृति में बने प्रतीक चिन्ह एवं शॉल भी भेंट किया गया। जबकि समाज में अहम योगदान के लिए राजीव दुग्गल, सरदार शैलेंद्र सिंह, जसवंत सिंह (चंडीगढ़), सतपाल सिंह (तरन तारन पंजाब), भगवान सिंह, अमरजीत सिंह, तरसेम सिंह, तारा सिंह, दलवीर दिल्ली, कमलजीत कौर, कमलजीत कौर गिल, बलविंदर कौर, किरणदीप कौर, अमृत सिंह, सुखदेव सिंह मिट्ठू, जगतार सिंह, जसवंत सिंह संधू, साहब सिंह, जसवंत सिंह गिल, मलकीत सिंह समेत अन्य को भी स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। सोमवार इस धार्मिक समागम में लगभग 5000 से भी ज्यादा की तादाद में संगत ने मत्था टेककर गुरु का लंगर भी ग्रहण किया। वहीं राज्यपाल ने भी पंगत में बैठकर गुरु का लंगर ग्रहण किया। रंगरेटा महासभा के प्रदेशाध्यक्ष और बाबा जीवन सिंह भलाई ट्रस्ट के झारखंड प्रभारी मंजीत सिंह ने समागम में सहयोग करने वाले सभी लोगों के प्रति आभार भी जताया।

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