जामुनदोहर में रैयतों का नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर 68 दिन से जारी है धरना

खलारी: सीसीएल एनके एरिया के केडीएच परियोजना खदान से सटे जामुनदोहर में 68 दिन रैयतों का नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर धरना जारी है। धरना पर बैठे बिहार कोलियरी कामगार यूनियन (सीटू) के जोनल अध्यक्ष सह विश्रामपुर के रैयत रतिया गंझू ने बताया कि हम रैयत नौकरी, मुआवजा, विस्थापन करने सहित अन्य जायज मांगों को लेकर जारी धरना का आज 68 दिन हो गए है वहीं तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश में रैयतों अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। लेकिन 68 दिन बीत जाने के बाद भी एनके एरिया प्रबंधन के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों का उदासीन रवैया लगातार बना हुआ है। वह सिर्फ अपनी मनमानी कर है। वहीं उन्होंने बताया कि 1980 में इस जमीन को सीसीएल के द्वारा अधिग्रहण किया गया था, परंतु तब से अब तक सीसीएल पदाधिकारियों ने रैयतो को 42 वर्ष बीत जाने के बाद भी अधिग्रहित भूमि के रैयतों को सीसीएल की आरआर पालिसी के तहत न तो मुआवजा दिया है और न ही अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई है। वही सीसीएल प्रबंधन ने जब जमीन 1980 में अधिग्रहण किया तो मुआवजा की राशि उस वक्त भुगतान क्यों नहीं किया गया इतने वर्षों के बाद सीसीएल हम रैयतो और विस्थापित ग्रामीणों को ठगने का काम कर रही है साथ ही जहरीले गैस और भू-धसान के बीच रहने को मजबूर है। वही शुक्रवार को केडी एच पीओ अनील कुमार सिंह को एक पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने सीसीएल द्वारा चिन्हित किए गए 122 घरों में लगभग 70 से 75 घरों को बैध बताते हुए बाकी निर्मित घरों को अबैध बताते हुए कहा कि बाकी बने घरों के लोग इसलिए जामुन दोहर में घर बनाए हैं ताकि सीसीएल के विस्थापन नीति के तहत घरों का मुआवजा ले सके। वही उन्होने कहा कि जब तक हमारी मांगों को मान नही लिया जाता तब तक हम रैयतों का धरना जारी रहेगा। धरना में देवराज गंझू, संजय गंझु पिंटू गंझु, रोशन गंझू, संतोष कुमार गंझु, विक्की कुमार गंझु सहित अन्य कई लोग उपस्थित है।

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