अल्लाह की रजा़ के लिए रखती हूं रोज़ा-आशना
गिरिडीह:- इस्लामी कैलेंडर के नवें महीने रमजान का चांद देखे जाने के बाद बीती रात से ही मुस्लिम बहुल इलाकों में रौनक और चहल-पहल काफी बढ़ गई। कल (मंगलवार) रात मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ अदा की गई। रज़ा जामा मस्जिद बिशनपुर में पिछले साल तरावीह की नमाज़ पढ़ाने वाले समस्तीपुर बिहार के हाफिज अब्दुल कादिर सैफी को ही अंजुमन के लोगों ने एक बार फिर इस साल तरावीह की नमाज़ पढ़ाने की दावत दी है। कल अदा किए गए तरावीह की पहली नमाज़ में बच्चे, बूढ़े और जवानों ने काफी संख्या में भाग लिया।
इसके साथ ही आज से रमजान महीने के पहले रोज़े की शुरुआत हो गई। आज सुबह 4:30 बजे फजर की अज़ान से पहले सेहरी (अल्पाहार) के साथ रोजा़ रखने का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
सीसीएल डीएवी में अध्ययनरत 10 वर्षीय छात्रा आशना अली ने कहा कि मुझे रमजान महीने में रोजा़ रखना बहुत अच्छा लगता है। कहा कि अल्लाह को ख़ुश करने के लिए रोज़े रखती हूं। रोज़े की हालत में नमाज़ पढ़ना और क़ुरान शरीफ़ की तिलावत करना काफ़ी खा़स अहमियत रखता है। कहा कि मैं हर साल रमजान महीने में रोज़े रखती हूं।
बताते चलें कि आज शाम 6 बजे होने वाले मगरिब की अज़ान के बाद इफ्तार के साथ ही रमजान महीने का पहला रोजा मुकम्मल हो जाएगा।