रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड का एयूएम 5 साल में 3.5 गुना बढ़ा”

 

2050 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी होगी दोगुनी

 

जमशेदपुर : संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) का अनुमान है कि भारत में 2050 तक बुजुर्गों की आबादी दोगुनी हो जाएगी। जिससे स्वास्थ्य सेवा, आवास और सेवानिवृत्ति समाधानों में निवेश बढ़ाने की जरूरत है। जीवनयापन की बढ़ती लागत और चिकित्सा खर्चों के कारण वित्तीय स्थिरता के लिए शुरुआती दौर से ही रिटायरमेंट फंड में निवेश करना आवश्यक होता जा रहा है। इस संबंध में टाटा एसेट मैनेजमेंट के फंड मैनेजर सतीश मिश्रा का मानना है कि रिटायरमेंट फंड्स न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं। बल्कि रिटायरमेंट के बाद के वर्षों में आय का स्रोत भी बन सकते हैं। टाटा रिटायरमेंट सेविंग्स फंड में सितंबर 2024 में 14.39 करोड़ रुपये का निवेश दर्ज किया गया और जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.28 करोड़ रुपये था। अप्रैल से सितंबर 2024 के बीच फंड को कुल 84.4 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है। जिसमें रांची से 1.6 करोड़ और जमशेदपुर से 7.8 लाख रुपये का योगदान शामिल है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के आंकड़ों के अनुसार, रिटायरमेंट फंड्स के तहत औसत संपत्ति (एयूएम) सितंबर 2019 के 8,781 करोड़ रुपये से 2024 तक 3.5 गुना बढ़कर 30,769 करोड़ रुपये हो गई है। फोलियो की संख्या में भी 18.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और जो सितंबर 2024 तक 29.6 लाख तक पहुंच गई।

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