टाटा स्टील की टैरिफ याचिका पर हुई सार्वजनिक सुनवाई

 

वित्तीय वर्ष 2024 के ट्रू-अप, वित्तीय वर्ष 2025 की प्रदर्शन समीक्षा और वित्तीय वर्ष 2026 के टैरिफ

 

जमशेदपुर : गोलमुरी क्लब में झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा सोमवार की दोपहर 3 बजे टाटा स्टील लिमिटेड (पावर डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंसी) के लाइसेंस क्षेत्र के लिए सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की गई। यह सुनवाई वित्तीय वर्ष 2023-24 के ट्रू-अप, वित्तीय वर्ष 2024-25 की वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा और वित्तीय वर्ष 2025-26 के वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एपीआर) निर्धारण प्रक्रिया का हिस्सा थी। इस सार्वजनिक सुनवाई की अध्यक्षता झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग के सदस्य (कानूनी) महेंद्र प्रसाद और सदस्य (तकनीकी) अतुल कुमार ने की। इस सुनवाई में कई घरेलू, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं ने भाग लिया। जिसमें वीपी सिंह (सीनियर जीएम, पावर सर्विसेज एवं यूबी, टाटा स्टील यूआईएसएल), अजय कुमार (चीफ, पावर मैनेजमेंट ग्रुप, टाटा स्टील) और शरद कुमार (सदस्य, ग्राहक शिकायत निवारण मंच) समेत टाटा स्टील और टाटा स्टील यूआईएसएल के कई अधिकारी भी उपस्थित रहे। वहीं सुमन मंडल (मुख्य प्रभागीय प्रबंधक, ईपी एंड सी) ने याचिका के प्रमुख बिंदुओं को प्रस्तुत कर लागत की भरपाई के लिए टैरिफ समायोजन की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने बताया कि पूर्व में टैरिफ में उचित वृद्धि न होने के कारण वित्तीय वर्ष 2024 के अंत तक लगभग 612 करोड़ रुपये की संचयी राजस्व हानि हो गई है। जिसकी भरपाई एक निश्चित समय सीमा के भीतर करना आवश्यक है और जिसके लिए टैरिफ में उचित वृद्धि आवश्यक है। वहीं टाटा स्टील ने संचयी राजस्व हानि की भरपाई के लिए टैरिफ समायोजन का प्रस्ताव दिया है। प्रस्तावित टैरिफ के अनुसार कुल राजस्व में लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है। जिससे इस घाटे की भरपाई में सहायता मिलेगी। प्रस्तुति के बाद आयोग के सदस्यों (जेएसईआरसी) ने जनता से सुझाव, आपत्तियां एवं याचिका से संबंधित अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।जिसपर टाटा स्टील ने सभी सुझावों को नोट करते हुए उनका उत्तर भी दिया।

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