सही जीवनशैली और समय पर चिकित्सा के जरिए रोका जा सकता है हृदय रोग – डॉ अभय कृष्णा

 

जमशेदपुर : ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभय कृष्णा ने इसकी रोकथाम के महत्वपूर्ण उपायों पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि हृदय रोग जो वैश्विक रूप से मृत्यु का प्रमुख कारण है, को सही जीवनशैली विकल्प और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप के जरिए काफी हद तक रोका जा सकता है। शनिवार नारायणा हॉस्पिटल द्वारा जारी प्रेस विज्ञाप्ति में डॉ कृष्णा ने कहा कि हृदय रोग के जोखिम कारक दो प्रकार के होते हैं परिवर्तनीय और अपरिवर्तनीय। उन्होंने स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान व शराब से बचने, तनाव प्रबंधन और नियमित स्वास्थ्य जांच के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को अपने जोखिम कारकों को समझने और समय रहते उपाय करने की सलाह भी दी। डॉ अभय कृष्णा ने कहा कि जीवनशैली में छोटे बदलाव जैसे पौष्टिक आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन से हृदय रोग के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने सभी को नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराने और पर्याप्त नींद लेने की सलाह देते हुए कहा कि नींद की खराब गुणवत्ता और अपर्याप्त नींद उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह से जुड़ी हुई है और ये सभी हृदय को नुकसान पहुंचा सकते हैं। समग्र हृदय स्वास्थ्य के लिए वयस्कों को प्रति रात 7-9 घंटे की नींद का लक्ष्य रखना चाहिए। डॉ अभय कृष्णा के अनुसार नियमित व्यायाम हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है। वहीं रक्त परिसंचरण में सुधार के साथ साथ स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद भी करता है। कम से कम 150 मिनट मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम या 75 मिनट का लक्ष्य रखें। हर हफ्ते जोरदार गतिविधि के तहत पैदल चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी सरल गतिविधियां हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाने में काफी मदद कर सकती हैं। मालूम हो कि हृदय रोग और इससे संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभय कृष्णा को जीवनशैली में बदलाव और चिकित्सा देखभाल के माध्यम से रोगियों को उनके हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करने का शौक है।

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