शिक्षक दिखे नदारद तो हर तरफ पाया गया कूड़े-कचरों का अंबार
सरकारी दिशा-निर्देशों का दिनदहाड़े उड़ाया जा रहा है मजा़क
गिरिडीह:- गाण्डेय प्रखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत चम्पापुर एवं डोकीडीह के बीचों-बीच स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय डोकीडीह उर्दू के नामांकन पंजी में फिल्हाल 460 बच्चों का नामांकन दर्ज है जिन्हें पढ़ाने के लिए स्कूल में मात्र 4 शिक्षकों को ही नियुक्त किया गया है जिसके कारण विद्यालय में पठन-पाठन की स्थिति पूरी तरह से चरमराई हुई है।
अष्टम वर्ग के बच्चों को जिला उपायुक्त, बीईईओ, मुख्यमंत्री, राज्यपाल एवं प्रधानमंत्री तक के नाम मालूम नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने विद्यालय के पठन-पाठन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनके अनुसार विद्यालय में कार्यरत शिक्षक स्थानीय होने के कारण अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन को लेकर गंभीर नहीं हैं।
इसका एक उदाहरण इस बात से लगाया जा सकता है कि जब दिन के लगभग साढ़े 10 बजे हमारे संवाददाता विद्यालय पहुंचे तो वहां पर एक शिक्षक नदारद मिले। पूछने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि वह खाना खाने के लिए घर गए हुए हैं। वहीं विद्यालय में कार्यरत एक शिक्षक को अपने पोते के साथ समय बिताता हुआ देखा गया। स्थानीय लोगों ने शिकायत भरे लहजे में कहा कि विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष भी कभी स्कूल नहीं आते हैं जिसके कारण विद्यालय में अनुशासन की स्थिति पूरी तरह से चरमराई हुई है।
बताते चलें कि विद्यालय में कुल 4 रसोइया नियुक्त हैं जो बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन बनाती हैं इसके बावजूद भी प्रायः विद्यालय के आस-पास कूड़े-कचरे का अंबार लगा रहता है।
स्कूल में एक चापानल है जिसका पानी निरंतर सड़क पर बहता रहता है जिसके कारण विद्यालय जाने और आने के लिए इस्तेमाल होने वाला एकमात्र मार्ग हमेशा गीला और कीचड़ युक्त रहता है जिसके कारण आवागमन में कठिनाइयां होती हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक भी स्कूल प्रायः विलंब से ही आते हैं और उनमें भी अनुशासन का अभाव होने के कारण ऐसा प्रतीत होता है जैसे विद्यालय का प्रबंधन एवं नियंत्रण उनके वश से बाहर की बात है।