जमशेदपुर : साकची थाना अंतर्गत महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार की दोपहर एक बच्ची के लेन-देन को लेकर हंगामा हुआ। जिसके बाद अस्पताल की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड जवानों ने मामले की सूचना संबंधित थाने को दी। वहीं जानकारी पाकर पहुंची पुलिस दोनों पक्षों के लोगों को थाने लेकर चली गई। साथ ही पुलिस ने इसकी सूचना सोनारी चाइल्डलाइन को भी दी। जिसके बाद चाइल्ड लाइन की अधिकारी दीप्ति हेसा भी थाने पहुंची। मामले में बताया जा रहा है कि सरायकेला सकलाडीह गांव निवासी गुरवा टुडू की पत्नी मालती टुडू का बीते शुक्रवार को प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे स्थानीय सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उसे एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं शुक्रवार की रात्रि महिला ने जुड़वां बच्ची को जन्म दिया। इस दौरान गायनिक वार्ड में अपने परिचित से मिलने पहुंचे बर्मामाइंस कैरेज कॉलोनी निवासी इशु मुखी और पत्नी अनिता देवी ने उससे एक बच्ची की मांग की। क्यूंकि उनके पास बेटा है। मगर बेटी नहीं है। इस दौरान दोनों के बीच समझौता भी हुआ। जिसके बाद शनिवार को इशु मुखी ने गुरवा टुडू को नगद 3000 रुपए भी दिए। जिससे उसने पत्नी को ब्लड चढ़ाया और दवा भी खरीदी। वहीं बच्ची को लेकर इशु मुखी ने कोर्ट से कागजी प्रक्रिया भी पूरी कर ली। जिसके तहत बुधवार मालती टुडू को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इससे पूर्व भी मालती टुडू ने दो बच्ची को जन्म दिया
है। वहीं छुट्टी होने के बाद वह घर जाने के लिए बाहर टेंपो पकड़ने पहुंची। इसी बीच अनिता व उसके पति इशु मुखी पहुंचे और दोनों ने बच्ची की मांग की। जिसपर मालती के पति गुरवा टुडू ने कहा कि आप मेरे साथ घर चलिए और वहां से एक बच्ची को लेकर चले आइगा। इसपर अनिता व उसके पति इशु मुखी तैयार नहीं हुए। इस दौरान दोनों के बीच हो-हंगामा होने लगा। जिसे देखकर टेपों चालक ने इसकी जानकारी एमजीएम के होमगार्ड जवानों को दी। मौके पर होमगार्ड जवान पहुंचे और मामला संदिग्ध देखते हुए थाने को सूचित किया। वहीं मामले में चाइल्डलाइन अधिकारी दीप्ति हेसा ने कहा कि छह माह तक बच्ची अपने मां के साथ ही रहेगी। उसके बाद अगर माता-पिता बच्ची को गोद देना चाहे तो एडॉप्शन सेंटर के माध्यम से होगा। फिलहाल थाने में लिखित देने के बाद माता पिता बच्ची को लेकर घर चले गए हैं।