पंडरिया नदी में सात फीट गड्ढे खोदकर प्यास बुझाते हैं लोग

संजय सागर

बड़कागांव : हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के ग्राम पंडरिया एवं चोरका में पेयजल के लिए हाहाकार मची हुई है. आजादी के 77 साल गुजर जाने के बाद पानी के लिए ये दोनो गांव तरस रहा है. इन दोनों गांव की महिलाएं पंडरिया नदी में चार फीट गड्ढे खोदकर पानी निकालती हैं.वह भी गड्ढे से पानी निकालने के लिए महिलाओं को कई घंटो तक लाइन लगी रहती है. महिलाएं अपनी बारी का इंतजार करती है. तब वे पानी भरती है. माथे पर पानी लेकर 200 से 300 मी पैदल चलकर घर पहुंचती है. तब वे अपने घर परिवारों को प्यास बुझती है.पेयजल के नाम पर यहां 5 वर्ष पहले पीएचडी विभाग द्वारा छोटा सा पानी टंकी बनाया गया था, जिसका बोरिंग धंस चुका है. इस गांव के अरुण प्रसाद सिंह एवं विनोद कुमार महतो ने बताया कि पंडरिया गांव में 250 एवं चोरका में 250 घर है . दोनों गांव हहारो नदी के सहायक पंडरिया नदी के किनारे बसा हुआ है. दोनों गांव के बीच नदी है. इसी नदी से गांव के लोग अपने प्यास बुझाते हैं. खेती-बाड़ी करते हैं. इस गांव में सबसे ज्यादा कुर्मी जाति है .इसके अलावा राणा , गंझू ,अनुसूचित जाति एवं लोहार जाति के लोग रहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यहां सरकारी व गैर सरकारी विश्व में जो सूख चुके हैं. पांच चापाकल भी जवाब दे चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के पास कई बार गुहार लगाए हैं. लेकिन आज तक समस्या का समाधान नहीं हुआ.पेय जल के नाम पर पीएचडी द्वारा एक छोटा पानी टंकी बनाई गई थी.उसका बोरिंग भी धंस चुकी है.

 

जल मीनार से नहीं मिला है कनेक्शन

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अरुण सिन्हा विनोद महतो,समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि पंडरिया क्षेत्र में पेयजल स्वच्छता विभाग द्वारा 5 साल पहले डूमारो नदी के पास 5 करोड़ 34 लाख से जल मीनार बनाने का काम शुरू हुआ. बनकर तैयार है. बगल के गांव कांडतरी को पानी के लिए कनेक्शन कर दिया गया है, लेकिन पंडरिया , चोरका को पानी के लिए कनेक्शन नहीं किया गया है .ग्रामीणों ने मांग किया कि शीघ्र ही पानी के लिए जल मीनार से कनेक्शन कर दिया जाए.

 

क्या कहना है जिला परिषद सदस्य का

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जिला परिषद सदस्य यासमीन निशा एवं मोहम्मद इब्राहिम का कहना है कि पेय जल स्वच्छता विभाग से बात किए हैं .एक सप्ताह के अंदर पानी के लिए कनेक्शन करेगा.

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