जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के 110 सरकारी शराब दुकानों में कार्यरत 340 कर्मचारियों को सितंबर 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक पांच माह से वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण कर्मचारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। जबकि इसके उल्ट पश्चिम बंगाल कोलकाता की मैन पावर ठेका कंपनी विवेल द्वारा जनवरी तक सभी कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड का पैसा भी जमा करा दिया गया है। जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं ठेका कंपनी कर्मचारियों के साथ धोखा कर रहा है। साथ ही राज्य सरकार को भी अंधेरे में रख रहा है। वहीं पांच माह से वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों की स्थिति अत्यंत दयनीय हो चुकी है। इन दुकानों में काम करने वाले अधिकतर कर्मचारी बाहर से आए हुए हैं और यहां किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। जिनके लिए किराया देना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं यहां रहने वाले कर्मचारियों को अपने बच्चों की स्कूल फीस देने के लिए भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हें आसपास के दुकानदारों ने उधर में राशन देना भी बंद कर दिया है। जिसके कारण इनका पल-पल जीना भी मुश्किल हो रहा है। मगर मामले को लेकर विभाग ने मौन साध रखा है। वहीं पड़ोसी जिला सरायकेला खरसावां और पश्चिम सिंहभूम में सब कुछ अप टू डेट है। साथ ही मैन पावर कंपनी कर्मचारियों को समय पर वेतन के साथ-साथ पीएफ और ईपीएफ का पैसा भी दे रहा है।बताया जा रहा है कि पूर्वी सिंहभूम जिले में कोलकाता की विवेल कंपनी ने राज्य सरकार से मैनपॉवर का ठेका लिया है। जिसने व्यक्तिगत करार कर बाइनरी सॉल्यूशन नामक कोलकाता की कंपनी को मैन पावर का ठेका दे दिया है। जिसके बाद से ही कर्मचारियों को वेतन न मिलने का सिलसिला जारी है। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि विवेल कंपनी करार किए बाइनरी सॉल्यूशन कंपनी को 110 दुकानों में कार्यरत 340 कर्मचारियों का पीएफ और ईपीएफ जमा करने की बात कह रहा है। मगर बाइनरी कंपनी इसके लिए सरकार से प्राधिकृत ही नहीं है। इन दोनों कंपनियों के बीच चल रहे मामले का खामियाजा 340 कर्मचारियों को पांच माह से भुगतना पड़ रहा है। और यही कारण है कि कर्मचारियों को अब तक वेतन भी नहीं मिला है। इस संबंध में पूछे जाने पर विवेल कंपनी के जमशेदपुर एरिया को-ऑर्डिनेटर नंदन जालुका ने कहा कि कुछ दस्तावेज के कारण कर्मचारियों का वेतन मुख्यालय में फंसा हुआ था। मगर अब इसका समाधान हो गया है। जीएम भी नए आएं हैं। सभी कर्मचारियों को 10 फरवरी के बाद से वेतन मिलना शुरू हो जाएगा। साथ ही फरवरी माह के अंत तक पांचो माह का बकाया वेतन भी दे दिया जाएगा। अब देखना यह है कि क्या वाकई में कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन मिलता है। या फिर एरिया को-ऑर्डिनेटर भी हवा हवाई बातें ही कर रहे हैं।
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