– उपायुक्त ने आधारभूत संरचना निर्माण में एनजीटी गाइडलाइन के अनुपालन को लेकर की समीक्षा बैठक
– एनजीटी के नियमों का उल्लंघन एवं नक्शा विचलन के विरूद्ध सख्ती के दिए निर्देश
जमशेदपुर : दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र के ईको सेंसेटिव जोन व स्वर्णरेखा नदी के तट पर किसी भी तरह से आधारभूत संरचना का निर्माण एनजीटी के गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए नहीं होना चाहिए। नियमों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई किया जाएगा। उक्त बातें उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने आधारभूत संरचना निर्माण में एनजीटी गाइडलाइन के अनुपालन को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक में कही। वहीं बैठक में एनजीटी के गाइडलाइन को सुनिश्चित कराने, दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र में अवैध निर्माण की जांच, स्वर्णरेखा नदी का अतिक्रमण समेत अन्य मुद्दों की समीक्षा की गई। इस दौरान उपायुक्त ने दलमा वन्य आश्रयणी क्षेत्र में किसी प्रकार का अवैध निर्माण हो या स्वर्णरेखा नदी के अतिक्रमण पर कड़ा रोष जताया। उन्होंने इस संबध में सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को लेकर एक कमिटी गठित करने का निर्देश भी दिया। गठित कमिटी साइट का दौरा कर पर्यावरण मानदंडों के उल्लंघन और विशेष रूप से अवैध निर्माण के संबंध में तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने कहा कि एनजीटी के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा। अवैध निर्माण के दोषियों तथा किसी सरकारी पदाधिकारी या कर्मी की मिलीभगत पाई गई तो उनके विरूद्ध भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में उपायुक्त द्वारा नगर निकायों में नक्शा विचलन कर कराये गए निर्माण कार्य के साथ साथ उनके विरूद्ध अबतक की गई कार्रवाई की समीक्षा भी की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि नक्शा विचलन कर निर्माण करना और दण्ड के रूप में सिर्फ जुर्माना लेते हुए खानापूर्ति की कार्रवाई बंद होनी चाहिए। शहर व्यवस्थित हो, भवनों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानको को अनदेखा न किया गया हो, किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पर्यावरणीय दृष्टि के अनुकूल हो तथा नियमों के मुताबिक विधि सम्मत हो, इसे सभी नगर निकाय पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होने धरातल पर आदेशों को गंभीरता से लागू करने के आदेश दिए। बैठक में डीएफओ जमशेदपुर ममता प्रियदर्शी, डीडीसी मनीष कुमार, एसडीएम धालभूम पीयूष सिन्हा, एडीसी जयदीप तिग्गा, मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रोहित कुमार, निदेशक दलमा गज परियोजना के प्रतिनिधि, प्रदूषण बोर्ड, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता समेत अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी मौजूद थे।