टंडवा: औद्योगिक नगरी टंडवा का सुप्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित चुन्दरू और गाड़ीलौंग का छठघाट पूरी तरह कीचड़ों से भरा हुआ है। इस कीचड़ को हटाया नहीं गया तो छठ व्रत को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बताया गया कि झारखंड का सबसे सुप्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित चुन्दरू और गाड़ीलौंग छठ घाट में हर साल 10,000 से अधिक श्रद्धालु उदियमान और अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्ध अर्पित करते हैं। इस छठघाट में टंडवा, केरेडारी बड़कागांव, सिमरिया, तथा बालूमाथ के श्रद्धालु भारी संख्या में अर्ध्य देने आते हैं। ऐसे में कीचड़ और गन्दगी से भरा छठघाट प्रशासन और प्रबंधन को मुंह चिढ़ा रहा है। दरअसल एनटीपीसी का इसी नदी में बैराज बनाया है। जिससे बिजली उत्पादन के लिये इस बैराज से एनटीपीसी अपने लैगून तक पानी ले जाता है। बरसात में बैराज का फाटक बंद हो जाता है। ऐसे में छठ को देखते हुए प्रबंधन ने जब फाटक खोला तो टंडवा से लेकर गाड़ीलौंग के नदी में दो दो फीट कीचड़ भर गया। एक तो नदी में दो फीट पानी नहीं और दूसरे में गन्दगी का खजाना। इधर एनटीपीसी प्रबंधन ने कीचड़ हटाने और सजावट के लिये किसी एजेंसी को ठेका दे दिया है। गाड़ीलौंग के सुनील चौरसिया ने बताया कि छठघाट की सफाई के लिये एनटीपीसी को पत्र लिखा गया है।बहरहाल जितनी मुंह उतनी बातें हो रही है। लोगों का कहना है कि नदी में बैराज तो बन गया पर लोगो के भावनाओं का सम्मान नहीं हो रहा है।
सूर्य मंदिर विकास समिति के अध्यक्ष मिथिलेश कुमार गुप्ता का कहना है कि छठघाट कीचड़ से भरा है।इस मामले में एनटीपीसी प्रबंधन से मुलाकात कर वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे।
टंडवा के विकास मालाकार का कहना है कि छठघाट में कीचड़ और गन्दगी से बदबु इतनी आ रही है कि सांस लेना दुश्वार है।