आदिम जनजाति महिला संगठन ने महिलाओं के जागरूकता के लिए किया बैठक

कुंडहित (जामताड़ा ): आदिम जनजाति संगठन के राज्य निदेशक सीताराम पूजा हर ने कहा है कि आदिम जनजाति के महिलाओं को अन्य समाज की तरह मुख्य धारा से जोड़ने, उनकी समस्याओं का निदान करने के लिए लगातार बैठकें कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा है कि सरकार द्वारा आदिम जनजाति का उत्थान, विकास के लिए बहुत सारी सुविधाएं, योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन धरातल पर अब भी देखकर ऐसा लगता है की सरकार द्वारा नजरअंदाज की नीति अपनी जा रही है या सुविधा मुहैया कराने के बीच में कहीं व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। यही कारण है कि अन्य समाज में जिस रफ्तार से नौकरी, रोजगार के मुख्य धारा से जुड़ते जा रहे हैं उस तुलना में आदिम जनजाति समाज अब भी कोसों दूर है। चर्चा के दौरान श्री पुजहर ने कहा कि आदिम जनजाति में जो माल पहाड़िया है उन्हें जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता है।

इस कमी से जाति का समुचित लाभ नहीं मिलता है। इसके लिए उच्चाधिकारी एवं संबंधित मंत्रालय का ध्यान आकर्षित कराने का भी कोशिश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में पैसे खर्च किया जा रहा है तथा सुविधा दी जा रही है लेकिन धरातल पर प्रोत्साहन एवं अपेक्षित मार्गदर्शन के अभाव में आदिम जनजाति गांव टोले में बच्चों के बीच पढ़ाई लिखाई के प्रति उदासीनता बरकरार है। इस संदर्भ में भी समाज के महिलाओं को जागरूक करने, सभी बच्चों को स्कूल भेजने, शिक्षा, ज्ञान, संस्कार देने के उद्देश्य से झारखंड के विभिन्न क्षेत्र में दौरा कर यह कार्यक्रम किया जा रहा है।

इस बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित साधु पूजा हर समीर पूजर लखाई पुजार सीताराम पूजा हर कौशल कुमार पूजर ममता पूजा हर आरती पूजा हर लालचंद पुजार जयराम पुजार प्रभु पुजार परम पहाड़िया और गुरुचरण पूजा हर आदि उपस्थित थे.

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