10 मोबाइल, 32 सिम कार्ड समेत नगद 9000 रुपए बरामद, सरगना समेत तीन फरार
जमशेदपुर : बिस्टुपुर थाना परिसर स्थित साइबर थाने की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिसके तहत पुलिस ने साइबर आरोपी को गोविंदपुर सुभाष नगर स्थित एक किराए के मकान से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी सुमरित कुमार मंडल मूल रूप से पपेरवा खुर्द कटोरिया जिला बांका बिहार का रहने वाला है। पुलिस ने उसके पास से नगद 9000 रुपए समेत घटना में प्रयुक्त 10 मोबाइल के साथ साथ 32 सिम कार्ड भी बरामद किया है। वहीं मामले का खुलासा बुधवार बिस्टुपुर साइबर थाने में प्रेसवार्ता के दौरान डीएसपी जयश्री कुजूर ने पत्रकारों के समक्ष किया। मौके पर थाना प्रभारी उपेंद्र कुमार मंडल भी मौजूद रहे। वार्ता के दौरान डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराध की शिकायत के लिए एनसीसीआरपी नामक पोर्टल बनाया गया है। जिसमें दर्ज हुए ठगी के एक मामले के आरोपी का संदिग्ध मोबाइल लोकेशन गोविंदपुर थाना क्षेत्र में मिल रहा था। जिसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी के लिए थाना के सहयोग से एक पुलिस टीम का गठन किया गया। वहीं गठित पुलिस टीम ने छापेमारी के दौरान मोबाइल लोकेशन के आधार पर मिले टावर लोकेशन के 100 मीटर के दायरे में घरों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान सभी पुलिसकर्मी एक-एक घर के लोगों से पूछताछ कर रहे थे। इसी बीच एक पुलिसकर्मी ने चाउमिन दुकान के ऊपर दो तल्ले में स्थित मकान में दबिश दी। जहां चारों आरोपी मौजूद थे। वहीं पुलिसकर्मी ने उन्हें अपना पहचान पत्र नीचे लेकर आने के लिए कहा। जिसपर सभी ने नीचे लेकर आने की बात कहते हुए उन्हें आगे जाने को कहा। इस दौरान खुद को पुलिस से घिरा हुआ देख सभी आरोपी मकान की छत से नीचे कुदकर भागने लगे। जिन्हें भागता हुआ देख पुलिस के साथ-साथ लोगों ने भी खदेड़ा। इस दौरान एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वहीं तीन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे। जिसके बाद थाने में लाकर पूछताछ की गई तो आरोपी ने बताया कि वह तीन अन्य आरोपियों के साथ बीते 20-25 दिनों से गोविंदपुर सुभाष नगर में किराए का मकान लेकर ठगी की घटना को अंजाम दे रहा था। किराया का मकान लेने के लिए उसने सभी का पहचान पत्र भी मकान मालिक को दिया था। साथ ही उन्हें गोविंदपुर स्थित स्ट्रिप स्ट्रिप्स मिल में नौकरी करने की बात भी कही थी। उसके साथ गिरोह का सरगना झारखंड राज्य के देवघर मार्गो मुंडा मुरली पहाड़ी निवासी प्रदीप कुमार मंडल व कुंदन कुमार मंडल और गिरिडीह फुलजोरी चिकोरिया का रहने वाला तुलसी कुमार मंडल भी कमरे में रहते थे। गिरोह में उसका काम ठगी के पैसों को स्थानीय लोगों के गूगल पे, पेटीएम, फोन पे समेत अन्य माध्यमों से मंगाकर एकत्रित करना था। जिसके लिए वह लोगों को पैसों का लालच भी देता था। जैसे 10 हजार मंगवाकर वह लोगों से सिर्फ 9 हजार रुपए ही लेता था। ताकि वह पुलिस की पकड़ से दूर रहे। उसने दसवीं तक पढ़ाई की है। जबकि सरगना प्रदीप कुमार मंडल लोगों का डेटाबेस इकट्ठा करता था और जो बचपन से ही अपाहिज है। इसी तरह कुंदन कुमार मंडल और तुलसी कुमार मंडल का काम लोगों को कॉल कर झांसे में लेना था। वहीं ठगी का 60 प्रतिशत हिस्सा सरगना प्रदीप कुमार मंडल को मिलता था। जबकि 40 प्रतिशत हिस्से में बाकी तीनों बंटवारा करते थे। आगे डीएसपी ने बताया कि साइबर आरोपी लोगों से केवाईसी के नाम पर ओटीपी लेकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। साथ ही आरोपी एपीके फाइल भेजकर भी ठगी करते थे। इस फाइल में दिए गए लिंक को क्लिक करते ही लोगों की सारी जानकारी आरोपियों के पास चली जाती थी। जिसका फायदा उठाकर वे ठगी किया करते थे। साइबर अपराधी सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत जिला को ही अपना निशाना बनाते थे और जिसमें पूर्वी सिंहभूम जिला भी शामिल है। इनके द्वारा दो लोगों से 70 हजार और 24 हजार 800 रुपए की ठगी भी की गई है। इन साइबर अपराधियों का कनेक्शन जामताड़ा और मधुपुर से भी है। ठगी के रूपयों को वे वहीं के अपने सदस्यों के खाते में मंगवाते थे। जहां से गूगल पे और फोन पे समेत अन्य माध्यमों से शहर के लोगों के खाते में मंगवाया जाता था। ताकि कहीं से भी इनका निशाना न रहे। वहीं कुछ दिनों पहले सरगना प्रदीप कुमार मंडल ने अपने पिता के नाम पर क्वीड चार चक्का वाहन नगद पैसे देकर खरीदी है। इसका पता भी पुलिस को चला है। फिलहाल गिरफ्तार आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। जबकि बचे हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है। संभवतः पुलिस द्वारा न्यायालय में अर्जी देकर आरोपी को रिमांड में लेकर अन्य बिंदुओं पर पूछताछ करने की पूरी संभावना है। टीम में गोविंदपुर थाना प्रभारी अमित कुमार सिंह, एएसआई राकेश कुमार सिंह, मंटू कुमार, आरक्षी 944 दिपाईन सिन्हा, आरक्षी 2590 अभय कुमार सिंह और बिष्टुपुर साइबर थाना के आरक्षी 2003 राहुल कुमार राय शामिल थे।