मुंगेर- मुंगेर जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा एक जीवित वृद्ध महिला को दस्तावेज सत्यापन में मृत बताकर उसका वृद्धा पेंशन बंद कर दिया गया है. दूसरी ओर महिला अपने बंद पेंशन को चालू कराने के लिए एक साल से प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय का चक्कर लगा रही है. दरअसल जमालपुर प्रखंड के सिंघिया पंचायत अंतर्गत वार्ड नंबर 6 बगीचा टोला निवासी स्व.विष्णुदेव चौधरी की 61 वर्षीय विधवा मंहगी देवी को 500 रुपया वृद्धापेंशन मिलता था. पिछले एक साल से उसका वृद्धापेंशन बंद है.
बैंक कर्मियों द्वारा महिला को बताया गया कि उसका पेंशन की राशि बैंक में नहीं आ रहा है. आधार कार्ड के स्टेटस से पता चला कि लाभार्थी का पेंशन बंद कर दिया गया है. विभागीय कर्मियों द्वारा कागजात सत्यापन के समय लाभार्थी को मृत बताते हुए पेंशन बंद कर दिया गया है. जिसके बाद अपने को जीवित साबित करने के लिय महिला के द्वारा कार्यालय कार्यालय चक्कर लगाया जा रहा. वहीं इस मामले में पंचायत की मुखिया ने महिला के जिंदा रहने का सर्टिफिकेट देते हुए उसके वृद्धापेंशन को चालू करने की बात कही है.
वृद्ध महिला ने बताया की वह जिंदा पर उसे मृत घोषित कर दिया गया . पेंशन मिलता था तो वो दवाई से लेकर कभी कभी अपने खाने के लिए दूध भी इस पैसे से लेती थी पर अब उसका हाथ हमेशा खाली रहता है . वहीं उसके बेटा ने बताया की अब तक कई कार्यालयों का चक्कर उसकी मां लगा चुकी है पर अब तक उसे न तो कागजातों में जीवित घोषित किया और न ही पेंशन ही चालू करवाया गया . वृद्ध महिला जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग पहुंची और सामाजिक सुरक्षा निदेशक से आपबीती सुनाई.
पर सामाजिक सुरक्षा निदेशक ने विभागीय गलती मानते हुए शीघ्र ही पेंशन चालू कराए जाने का आश्वासन दिया. निदेशक ने बताया की कर्मचारी द्वारा भौतिक सत्यापन के दौरान महिला द्वारा जीवित प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण इस तरह की त्रुटि हुई है. मामला उनके संज्ञान में आया है. शीघ्र ही वृद्ध महिला का पेंशन चालू कराया जाएगा और एक साल का बकाया राशि भी उसे दिया जायेगा . इसके लिए प्रखंड कार्यालय को आवश्यक निर्देश दे दिया गया है.