एचईसी के आठ श्रमिक संघों ने विधायक सरयू राय को मजदूरों की आवाज बनने का किया अनुरोध

जमशेदपुर : एचईसी बचाओ मजदूर जन संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार आठ श्रमिक संघ ने विधायक सरयू राय से उनके रांची स्थित सरकारी आवास में मुलाकात कर श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों ने अपनी पीड़ा बताई। जिसमें हटिया मजदूर यूनियन (सीटू), हटिया मजदूर लोक मंच, हटिया प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (इंटक) एचईसी लिमिटेड श्रमिक कर्मचारी यूनियन, हटिया कामगार यूनियन (एआईटीयूसी), एचईसी श्रमिक संघ, जनता मजदूर यूनियन और एचईसी सप्लाई संघर्ष समिति के प्रतिनिधि शामिल थे। इस दौरान प्रतिनिधियों द्वारा उन्हें अपने संघर्ष में मजदूरों की आवाज बनने का अनुरोध भी किया। वहीं विधायक ने एचईसी बचाओ मजदूर जनसंघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनकर उनसे कहा कि आपकी मांगे वाजिब है और मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए वे हरसंभव प्रयास भी करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि मामले को वे उद्योग मंत्रालय की समिति के साथ साथ अन्य संबंधित विभागों के मंत्रियों व सचिवों से या फिर उचित स्थान पर उठायेंगे। वहीं एचईसी के सभी यूनियन पदाधिकारियों और मानद सदस्यों का मानना है कि सरयू राय के जुड़ने से उनकी चिरपरिचित मांगों को नई दिशा मिलेगी और जिससे उनके समक्ष उत्पन्न जीविकोपार्जन की समस्या का अतिशीघ्र निदान होगा। मौके पर धर्मेन्द्र तिवारी, पीएन सिंह, आशीष, शीतल मुंडा, भवन सिंह, रामकुमार नायक, गिरिश चौहान, राम सुन्दर स्वांसी, अर्जुन रविदास, हरिराम रजवार, महेंन्द्र कुमार, राजकुमार शाही, प्रेम शंकर साहू, अशोक कुमार सिन्हा समेत अन्य मौजूद थे।

 

 

 

एचईसी यूनियनों का संयुक्त मांग व सुझाव निम्नलिखित हैं :-

 

1. वेतन भुगतान – 18 महीने से अधिक समय से एचईसी के कामगारों का मासिक देय वेतन का भुगतान लंबित है और जिसका अविलंब भुगतान किया जाय।

 

2. चिकित्सा बीमा – कामगारों (स्थायी और अस्थायी) के चिकित्सा बीमा का नवीकरण करना। क्योंकि वे काम पर आ रहें हैं। मगर वे सभी जोखिम के दायरे में है और उनका सुरक्षा कवच खत्म हो गया है।

 

3. संविदा कामगारों का अवधि विस्तार – संविदा कामगारों के अनुबंध परिपत्र को समयावधि विस्तार करें। साथ ही जो सादे कागज में उपस्थिति दर्ज कर रहें हैं, वे अपनी हाजिरी बही में उपस्थिति दर्ज कर सकें। जिससे उनके द्वारा दिया गया कालखंड का उचित भुगतान हो सकें।

 

4. श्रमिकों को स्कूल की सुविधा – एचईसी क्षेत्र या उनके अनुबंध में संचालित सभी शैक्षणिक विद्यालयों में कामगारों के बच्चों को रियायत दर पर दाखिला लिया जाए। वहीं कामगार श्रमिकों के बच्चे जो शहर के दूसरे विद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत हैं, उनके शैक्षणिक शुल्क जमा नहीं होने के कारण आने वाले परेशानियों से बचाने के लिए एचईसी प्रबंधन गारंटी प्रपत्र भी निकाले।

 

5. कामगार भोजनालय – कैंटीन को पुनः चालू किया जाय। ताकि ड्युटी पर आने वाले कामगारों को उनके मौलिक अधिकार जो लेबर विभाग के अतंर्गत वांछित है, वह मिल सकें।

 

6. कार्यरत कर्मचारियों के लिए लीज में पुनः क्वार्टरों के आवंटन का सर्कुलर निकाले। वहीं प्रबंधन भारी उद्योग मंत्रालय को इसके लिए जरूरी प्रस्ताव भेजे। साथ ही पुराने आवंटित क्वार्टरों का आज के बाजार भाव से मुल्य दर भी तय किया जाय। ताकि कंपनी के आय में वृद्धि हो सके।

 

7. टाउनशीप – लीज पर दिए गए एचईसी की जमीन, टाउनशीप समेत अन्य संसाधनों का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मुल्य निर्धारण कर दर तय किया जाय। साथ ही आय वृद्धि भी किया जाए। इसी तरह एचईसी स्वयं नया टाउनशीप बनाकर उसे पट्टा में दें। वह अपने संसाधनों का उचित उपयोग भी करें।

 

8. बैंक गारंटी – एचईसी के पास जो 1000 करोड़ का कार्यादेश है, उसे समय पर पुरा करने के लिए कार्यशील पूंजी (रूपया 100 करोड़) के रूप में गारंटी पत्र (पूर्व की तरह) केन्द्र सरकार बैंको को दें। ताकि वहां से पैसा मिल सके और कार्यादेशों की आपूर्ति समयावधि के अंदर हो सके।

 

9. आधुनिकीकरण और विस्तारिकरण – एचईसी का आधुनिकीकरण किया जाए।

 

10. तय राशि का भुगतान – कामगारों को प्रत्येक माह जीवनयापन के लिए एक तय राशि का भुगतान किया जाय। जिससे उनके आगे भुखमरी की स्थिति पैदा न हो और वे अपने मुलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।

 

11. निविदा में प्राथमिकता – केन्द्र और राज्य सरकार अपने विभाग और पीएसयू के निविदाओं में भाग लेने के लिए एचईसी को निविदा प्रक्रिया में विशेष रियायत प्रदान करें।

 

12. स्थाई अधिकारियों का नियोजन – केन्द्र सरकार का भारी उद्योग मंत्रालय एचईसी के प्रबंध निदेशक समेत अन्य अधिकारियों की स्थाई रूप से नियुक्ति भी करें। ताकि नीतिगत निर्णय लेने में कठिनाई न हो। वर्तमान अधिकारियों के पदोन्नति में जो बाधाएं, विषमताएं और जटिलताएं हैं, उसे दूर किया जाय।

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