8 में से 2 आंगनबाड़ी केंद्रों में ही किया गया है पीएचईडी के द्वारा बोरिंग
उपायुक्त को ज्ञापन सौंपने के बाद मिला है शीघ्र पहल का आश्वासन
गिरिडीह:- पंचायत के 10 में से केवल 2 गांवों में ही हुआ है नल-जल योजना के तहत काम। 8 में से मात्र 2 आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही विभाग के द्वारा की गई है बोरिंग एवं चापाकल की व्यवस्था। 4 बोरिंग हो चुके हैं ड्राई। यह योजना पंचायत में रहा है लगभग असफल। लोगों को नहीं मिल रहा है पानी। मामले से उपायुक्त को किया जा चुका है अवगत। उनके द्वारा मिला है शीघ्र पहल का आश्वासन।
उक्त बातें धनवार प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत महेश मरवा की मुखिया सोनिया देवी ने कहीं।
उन्होंने आगे कहा कि पंचायत में सरकारी महत्वाकांक्षी योजना नल-जल की विफलता की शिकायत तत्कालीन कनीय अभियंता जहेन्द्र भगत से की गई थी। उनके द्वारा बार-बार आकर देखने का आश्वासन मिला लेकिन वे कभी नहीं आए। अब तो उनका हस्तांतरण भी हो चुका है। नए कनीय अभियंता कभी पंचायत नही आए हैं। कहा कि मैं पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता से आग्रह करना चाहुंगी कि पंचायत में आकर नल-जल योजना की बदहाल स्थिति का जायज़ा लें और जितनी जल्दी हो सके इसमें सुधार का प्रयास करें।
मुखिया प्रतिनिधि नागेश्वर यादव ने कहा कि पंचायत के आदिवासी टोला, झांझ स्थित अल्पसंख्यक मोहल्ला और धनी आहर स्थित ब्रह्मदेव सिंह के घर के समीप बोरिंग मिस्ड है।
यदि विभाग ध्यान दे तो पंचायत में नल-जल योजना की वर्तमान खस्ताहाल स्थिति में काफी सुधार किया जा सकता है और पंचायत वासियों के घरों तक नल के द्वारा जल पहुंचाने के सरकारी उद्देश्य की प्राप्ति भी काफी हद तक हो सकती है।