फार्मर प्रोड्यूस ऑर्गेनाइजेशन से जुड़कर महिला किसान हो रहीं स्वावलंबी

 बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर आर्थिक समृद्धि की ओर बढ़ाया कदम

सरकार की योजनाओं का मिला लाभ, आधुनिक तरीके से कर रहीं खेती

जमशेदपुर: गुड़ाबांदा प्रखंड अंतर्गत भालकी पंचायत सुंड़गी गांव मारेडीह टोला की महिला किसानों ने मिलकर ‘नय आड़े जल उपभोक्ता समूह’ नामक संगठन बनाकर 5 एकड़ बंजर भूमि को अपने श्रमदान से खेती योग्य बना दिया। पहले जिस जमीन पर कोई फसल नहीं होती थी, आज वहां बैंगन के बाद अब मिर्च के पौधे लहलहा रहे हैं। संगठन से जुड़ी महिला किसान बाले मुर्मू, माही मुर्मू, पावरा मुर्मू, कंदरी मुर्मू, मेरी मुर्मू और सोनिया मुर्मू के प्रयास ने महिला सशक्तिकरण का मजबूत उदाहरण पेश किया है। इस दौरान महिला किसानों के सामने बड़ी चुनौती सिंचाई की थी। वहीं तकनीक का ज्ञान नहीं होने के साथ-साथ बाजार की औसत जानकारी भी इनके राह में रोड़ा बनी। महिला किसानों के कुछ कर गुजरने की इच्छा को देखते इन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया। साथ ही इन्हें सोलर पंपसेट द्वारा पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई। जिसके तहत पहली बार इन्होने साढ़े चार एकड़ जमीन में बैगन की खेती की। जबकि पहले साल के उत्पादन से प्रोत्साहित होकर इस बार अब साढ़े चार एकड़ भूमि पर मिर्च की खेती महिलाओं ने की है। साथ ही साथ खेत की जानवरों से सुरक्षा के लिए झटका फेंसिंग घेराबंदी की व्यवस्था भी की। वहीं सरकारी योजनाओं के साथ-साथ इन महिला किसानों को एनजीओ और एफपीओ (घरोंज लहाती महिला उत्पादक प्रॉड्यूसर कंपनी) का सहयोग भी प्राप्त हुआ। कृषि विभागीय पदाधिकारी व एफपीओ ने इन महिला किसानों को तकनीक और उत्पादन क्षमता बढ़ाने में सहयोग भी किया। वहीं जिला कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार कालिंदी और जिला उद्यान पदाधिकारी अनिमा लकड़ा ने लगातार इन महिला किसानों का उत्साहवर्धन भी किया। अपने श्रम एवं इच्छाशक्ति के बल पर आज ये महिलाएं अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनीं हैं। विषम परिस्थिति को कैसे अनुकुल बनाकर अपने ही गांव-घर में रहकर परंपरागत खेती बाड़ी को आधुनिक तकनीक से कर अपनी आर्थिक स्थित को मजबूत किया जा सकता है, इस दिशा में महिला किसानों ने सशक्त उदाहरण पेश किया है।

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