शहर में बढ़ते टोटो के आतंक को संज्ञान में ले प्रशासन- राजेश

मो. ओबैदुल्लाह शम्सी

गिरिडीह:- भाकपा माले के गिरिडीह विधानसभा प्रभारी कामरेड राजेश सिन्हा की छवि विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से बोलने एवं आम जनता के हितों और उनके सरोकार से जुड़े मामलों को प्रमुखता से उठाने की रही है।
अभी हाल ही में उनका उसरी बचाओ अभियान पूरे जिले भर में खासा चर्चित रहा। इसी क्रम में उन्होंने शहर की चरमराई यातायात व्यवस्था के लिए टोटो की संख्या में बेतहाशा वृद्धि एवं इसे चलाने को लेकर नाबालिग चालकों के बढ़ते ट्रेंड या प्रचलन पर संवाददाता मो. ओबैदुल्लाह शम्सी को दिए एक साक्षात्कार में निम्न बातें कहीं।

बकौल राजेश. शहरी क्षेत्र में इन दिनों टोटो चालकों की जैसे बाढ़ सी आ गई है। प्रतिदिन शहर के विभिन्न प्रमुख मार्गों एवं गलियों में जिधर देखिए आपको टोटो ही दिखेंगे। साधारण वर्ग के लोगों की रोजी रोटी एवं जीविकोपार्जन के लिए ये एक सस्ता एवं सुलभ वाहन है। और इसका परिचालन ग़लत नहीं कहा जा सकता है। ये वाहन भी आम आदमी के लिए काफी उपयोगी है।
समस्या दरअसल टोटो, इसकी अत्यधिक तेज़ी से बढ़ती संख्या और अधिकांशतः इसके नाबालिग चालकों से है। प्रतिदिन सुबह-शाम 12 वर्ष से लेकर 20 वर्ष तक के युवा शहर के विभिन्न सड़कों पर धड़ल्ले से टोटो चलाते हुए आपको मिल जाएंगे। हाथों में मोबाइल फोन और एक से एक गाने बजाते नाबालिग टोटो चालक और बगल में बैठा उसका नाबालिग साथी/सहयोगी। स्कूली छात्राओं को छेड़ने का एक बहाना है इनके पास। चलना है क्या?आओ! चलोगी क्या, जैसी बातें अनावश्यक रूप से भी बोलते हुए दिखते हैं ये। कई बार इनके द्वारा छात्राओं को छेड़ने तक के मामले प्रकाश में आए हैं। इनके द्वारा बीच रोड में अचानक कभी भी और कहीं भी टोटो रोक दिया जाता है। कभी इधर मोड़ दिया तो कभी उधर! ना पीछे चलने वालों की चिंता और न ही कोई फ़िक्र! सड़क जाम! गाली-गलौज! वगैरह-वगैरह। आम आदमी तो इन्हें कुछ बोल भी नहीं सकता है। यदि कभी कुछ बोल दिया तो बीच सड़क पर ही बहसा-बहसी और गाली- गलौज! बेचारा सीधा-सादा आदमी ग़म खाकर और दांत भींच कर रह जाता है।

दरअसल समस्या यह विशेष वाहन या इसके चालक नहीं हैं बल्कि नाबालिग चालकों के कारण शहर की बद्तर एवं बदहाल यातायात व्यवस्था और आम जनता की व्यस्त दिनचर्या एवं भागदौड़ भरे जीवन के बीच पल प्रतिपल मंडराता एक बड़ा रिस्क,खतरा और जोखिम का है।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन एवं यातायात विभाग इस पूरे मामले पर क्या स्टैंड लेती है?

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