सरकार की ग़लत नीतियों के विरुद्ध गांवों एवं मोहल्लों में विरोध प्रदर्शन आज संध्या 5 बजे

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है

वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमां,हम अभी से क्या बताएं, क्या हमारे दिल में है

मो. ओबैदुल्लाह शम्सी

गिरिडीह:- मोमिन कांफ्रेंस के प्रदेश महासचिव सह भावी लोकसभा प्रत्याशी (कोडरमा) मो. जैनुल अंसारी ने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार की उर्दू एवं मुस्लिम विरोधी नीतियों पर सरकार की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों के वोट के बल पर राज्य में वर्तमान गठबंधन की सरकार चल रही है और सत्ता के नशे में चूर सरकार एक के बाद एक मुस्लिम विरोधी नीतियों को लागू कर रही है। कहा कि अब राज्य के मुसलमानों एवं पिछड़ों को भी किसी दूसरे विकल्प की ओर देखने की आवश्यकता है।‌

कहा कि हमें कमजोर समझने की भूल सरकार को काफी महंगी पड़ सकती है। झारखंड सरकार ने सबसे पहले सरकारी स्कूलों में वर्ग नवम एवं दशम में उर्दू किताबें देना बंद किया। फिर आठवीं बोर्ड से उर्दू मजमून को हटाया उसके बाद 543 उर्दू स्कूलों को सामान्य स्कूलों में बदल दिया गया फिर 3712 उर्दू शिक्षकों के पद को भी खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
इसके लिए अब हम लोगों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला ले लिया है। चुंकि हमलोगों ने कई बार राज्य सरकार को आगाह किया लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ बल्कि इसके उलटे नतीजा यह रहा कि सरकार ने अब उर्दू को मिटाने और हमारे नौजवानों से रोज़गार छीनने की आखिरी कोशिश भी शुरू कर दिया है। इसलिए अब हम लोगों के लिए भी चुप बैठने का वख्त नहीं है। अब सरकार जिस भाषा को समझती है हमारे लिए भी उसे उसी भाषा में जवाब देना जरूरी हो गया है।
आज 14 जनवरी 2024 शाम 5 बजे जिले एवं राज्य के हर गांव और हर मोहल्ले में सरकार के उक्त निर्णय के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा और झारखंड सरकार ने जो उर्दू एवं मुस्लिम विरोधी नोटिफिकेशन जारी किया है उस पेपर को जलाकर हम विरोध एवं आक्रोश का प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज़ और संदेश को कड़ी चेतावनी और अल्टीमेटम के तौर पर राज्य सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे।
उन्होंने अंत भी सभी उर्दू प्रेमियों से इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए इसे सफल बनाने का आह्वान किया है।

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