सीसीएल के आम्रपाली परियोजना का 11वा वर्षगांठ मना

11सालो मे देश को मिला 107 मिलियन टन कोयला ,180 रैयतो को मिली नौकरी

टंडवा: बिनय कुमार सिन्हा:सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना का 11 वी वर्षगांठ बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। सातवें महाप्रबंधक अमरेश कुमार ने उपवास में रहकर माइंस परिसर में स्थित मां काली मंदिर में विधिवत् पूजा अर्चना की। और श्रद्धालूओं के बीच प्रसाद का वितरण किया । बताया गया कि पिछले 11 सालों में सीसीएल ने जहां 107 मिलियन टन कोयले की उत्पादन किया वहीं जमीन के बदले 180 जमीन दाताओं को सीसीएल में नौकरी दी गयी। जबकि दस करोड़ से अधिक जमीन के बदले मुआवजा सीसीएल ने वितरण किया । पिछले एक दशक के पन्नों को पलटें तो वित्तीय साल 13-14मे जहां कोयले की उत्पादन आमरपाली में शून्य थी वहीं वक्त के साथ हर साल इजाफा होता गया। 2014-15मे 2.55मिलियन टन,15-16मे 4.79,16-17मे 6.23,17-18मे 6.50,18-19मे 10.20,19-20 में 12.79,20-21मे 14.40,21-22मे 16.59 ,22-23मे 18 मिलियन तथा 2023-24मे 17.50मिलियन टन कोयले की उत्पादन कर लिया गया है जबकि 31मार्च तक हर हाल में 22 मिलियन टन कोयले की उत्पादन करना है। सीसीएल के अधिकारियों के अनुसार अबतक 695 हेक्टेयर जमीन पर काम हुआ है इसमें 164 हेक्टेयर जमीन जीएम, रैयती और आम किस्म के जमीन शामिल हैं। बाकी 531 हेक्टेयर जमीन फोरेस्ट लैंड था जिस पर कोयले की उत्पादन सीसीएल ने किया ।जानकारों की मानें तो पिछले एक दशक में आमरपाली में टेरर फंडिंग मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए और पुलिस जांच से प्रभावित गांवों के रैयतों को मनोबल इतना टूटा कि बाहरी कारोबारी हावी हो गये। बाहरियों का इतना दबदबा है कि उनके सामने गांव वाले चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते। एटक नेता बिनोद पासवान का कहना है कि पुलिस के भय से पिछले चार सालों में एक बार भी माइंस बंद नहीं हुआ। यह झारखंड का अनुठा माइंस है।यही कारण है कि पिछले दिनों झामुमो नेता मनोज चन्द्रा ने प्रशासन के सामने कहा था कि जिला प्रशासन अब एनटीपीसी और सीसीएल के लिए काम करना बंद करें। बहरहाल आमरपाली के कोयले से देश जरूर जगमगा रहा है पर गांव के 80 फीसदी लोग कराहते नजर आ रहे हैं।

 

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