अबुआ आवास योजना में सरकार के द्वारा आयु को वरीयता देने की नीति का ग्रामीणों ने किया विरोध

गिरिडीह:- अबुआ आवास योजना में लाभुकों के चयन हेतु आयु को प्राथमिकता देने के राज्य सरकार की निति का प्रदेश भर के मुखियाओं के द्वारा हो रहे लगातार विरोध के बीच आम ग्रामीणों ने भी अब मोर्चा खोल दिया है और जिले के विभिन्न प्रखंडों के भिन्न-भिन्न पंचायतों से इस निति के विरोध में लोगों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।

इसी क्रम में कल गाण्डेय प्रखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत मेदनीसारे पंचायत सचिवालय में स्थानीय मुखिया सह प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष दशरथ किस्कू के नेतृत्व में दर्जनों महिला -पुरुष ग्रामीणों ने इस निति की आलोचना करते हुए इसका विरोध किया।

उपस्थित ग्रामीणों के अनुसार आयु को वरियता देने से योग्य लाभुक इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाएंगे। कुछ ने तर्क देते हुए कहा कि आयु को प्राथमिकता देते हुए लोगों को पेंशन का लाभ दिया जाना ठीक है किन्तु अबुआ आवास के लिए आयु को प्राथमिकता देना ठीक नहीं है। ऐसा करने से योग्य लाभुकों के साथ अन्याय होगा।

पंचायत की कुछ महिला ग्रामीणों ने कहा कि हम गरीब और आवास रहित हैं। पति दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और किसी तरह से परिवार का भरण-पोषण चल रहा है। पति की आयु 40-45 वर्ष है। यदि मात्र आयु के कारण हमारे आवेदन छांट दिए जाते हैं तो यह हम लोगों के साथ अन्याय होगा।

उपस्थित लोगों ने कहा कि सरकार को इस मामले पर पुनर्विचार करते हुए अबुआ आवास के लिए भी पीएम आवास के ही तरह ग्राम सभा को प्राथमिकता देना चाहिए ताकि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ योग्य लाभुकों को ही मिल सके।

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