Md Mumtaz
खलारी: झारखण्ड जनशक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शेख वकील अहमद ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि मोदी सरकार द्वारा पंजाब व हरियाणा के दिल्ली से सटे बोर्डर के विभिन्न इलाकों में आन्दोलनकारी किसानों पर लाठी,गोली चलवाने के साथ ड्रोन से आंसू गैस के हमले,वाटर कैनन व किल-कांटों का प्रयोग कर युद्ध जैसे हालात पैदा करने की कड़ी निंदा की । निंदा करते हुए उन्होंने कहा है कि देश के किसान अन्नदाता है कोई आतंकवादी नहीं हैं,जिन पर साज़िश के तहत हमला किया जा रहा है और इसके साथ इन्टरनेट सेवा भी बंद कर दी जा रही है। जारी बयान में उन्होंने यह भी कहा है कि एक तरफ मोदी सरकार देश के महान कृषि वैज्ञानिक डा० एमएस० स्वामीनाथन व किसान नेता पूर्व प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरणसिंह को भारत रत्न पुरस्कार से नवाजती है,वहीं दूसरी तरफ स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को दरकिनार कर किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने से भागती रही है। मोदी सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के खोखले दावे का पोल खोलने वाले किसानों पर बर्बरता से जानलेवा हमला करना लोकतंत्र की हत्या है,जिसका बदला आनेवाले लोकसभा चुनाव में किसान,जवान व पहलवान लेकर रहेगा। झारखण्ड जनशक्ति मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष शेख वकील अहमद ने कहा है कि मोदी सरकार को यह याद रखना चाहिए कि यह वही किसान हैं,जिनकी वजह से उन्हें तीनों कृषि काला कानून वापस लेना पड़ा था। लखीमपुर खीरी समेत पूरे किसान आंदोलन में में मारे गए किसानों के मुआवजा समेत मुकदमें उठाने की बात से आजतक मुकरने वाली कारपोरेट परस्त मोदी सरकार ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का कार्य किया है।भीषण कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की नित्यप्रति आत्महत्या की खबरों के बावजूद पीएम मोदी की ह्रदय हीनता व संवेदनहीनता की वजह से आज देश का अन्नदाता मरने-मारने पर उतारू हो गया है,जो चिंतनीय है। किसानों के आगामी 16 फरवरी के प्रस्तावित “भारत बन्द” का नैतिक समर्थन करते हुए कहा कि झारखण्ड के किसानों को भी मोदी सरकार के विरुद्ध भारत बन्द में समर्थन करना चाहिए ।