धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया संत रविदास की 647वीं जयंती

मो.ओबैदुल्लाह शम्सी

गिरिडीह:- संत शिरोमणि रविदास जी की 647वीं जयंती कल जिले भर में धूमधाम एवं हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया।

जयंती के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों सभाएं आयोजित हुईं। जगह-जगह पर गाजे-बाजों के साथ पैदल मार्च निकाला गया। विभिन्न सभा स्थलों पर संत रविदास जी की प्रतिमा एवं तस्वीरों पर माल्यार्पण किया गया।

पीरटांड़ प्रखंड के पालगंज, डुमरी प्रखंड के खुदीसार,तिसरी प्रखंड के खटपोंक एवं गावां प्रखंड के मालदा में रविदास जयंती को समारोह पूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने अपने संबोधन में संत रविदास जी की जीवनी एवं उनके विचारों पर प्रकाश डाला।

वक्ताओं ने कहा कि संत रविदास जी के अनुसार मनुष्य जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म से महान होता है। कहा कि संत रविदास जी ने कहा था कि यदि आप किसी का भला नहीं कर सकते हैं तो किसी का बुरा भी नहीं करें। अगर आप फूल नहीं बन सकते हैं तो कांटा भी नहीं बनना चाहिए।

ग़ौरतलब है कि संत रविदास का जन्म 1377 ई. में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार गुरु रविदास जी का जन्म माघ मास की पूर्णिमा को हुआ था इसलिए प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा के दिन इनकी जयंती मनाई जाती है। रविदास जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज के कल्याण और ईश्वर की भक्ति के लिए समर्पित कर दिया।

रविदास जयंती समारोह के उपलक्ष्य में गावां प्रखंड के मालदा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पुर्व विधायक निज़ामुद्दीन अंसारी व राजकुमार यादव, गावां प्रखंड बीस सुत्री अध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य पवन चौधरी, प्रखंड हरिजन समाज अध्यक्ष सुरेश रविदास, मोहन रविदास, गिरधारी दास, भीम रविदास, अशोक रविदास,विजय रविदास, अशोक रविदास, विजय रविदास, रणधीर चौधरी, विनोद चौधरी, लालु मुसहर, सेरुआ मुखिया गुरसहाय रविदास एवं सैंकड़ों महिला-पुरुष ग्रामीण उपस्थित रहे।

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