टंडवा: टोरी – शिवपुर रेल-लाइन के तीसरे लाइन का उद्घाटन एक मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी आनलाइन करने को लेकर सीसीएल में तैयारी जोरों पर है। यह शिवपुर फिलहाल आमरपाली कोल परियोजना से जूड़ा है।बताया गया कि इस लाइन से फिलहाल सीसीएल हर साल 40से 45 मिलियन टन कोयला बेच रही है।
भारत सरकार के ‘पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान’ के तहत् कोयला क्षेत्र में समाहित करते हुए एवं कोयला सम्प्रेषण मे क्वान्टम-जंप लाने के लिए टोरी – शिवपुर रेल-लाइन तिनिकरण किया जा रहा है। टोरी – शिवपुर रेल-लाइन का दोहरीकरण पूर्व मे मार्च 2021 मे किया गया था जिससे कोयले की डिस्पैच विभिन्न पावर प्लांटों के लिए किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार इस रेलवे लाइन के विस्तार का उद्देश्य रेलवे कॉरिडॉर जोडना है और सरकारी/ गैर-सरकारी कंपनी माइंस का कोयला ढुलाई होना है। सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की विभिन्न परियोजनाओं की डिस्पैच और अन्य आवश्यकताओं को देखते हुए भारत सरकार द्वारा आवंटित सरकारी प्राइवेट माइंस की सम्प्रेषण और आवश्यकताओं को भी पूरा करेगा ।
सुत्रों के अनुसार टोरी – शिवपुर रेल-लाइन का निर्माण पूर्व-मध्य- रेलवे द्वारा किया जा रहा है। यह एक रेलवे समर्पित गलियारा है जिसका उपयोग कोयले के सम्प्रेषण के लिए की जानी है । सीसीएल के अधिकारियों के अनुसार रेलवे लाइन की लागत 894.00 करोड है। इसकी लंबाई 44.37 किलोमीटर है एवं जिसमे कुल 6 मध्यवर्ती रेलवे स्टेशन / साईडिंग हैं – इसमें बिराटोली, कुसुमाही, बालूमाथ, बुकरू, मनातू एवं फूलबसिया साइडिंग शामिल। इस रेल-लाइन के आने पर रेल माध्यम से कोयले की डिस्पैच में अप्रत्याशित वृद्धि आएगी तथा सिस्टम में गति, दक्षता एवं पर्यावरण संरक्षण का समावेश होगा। ग्रीन-हाउस गैसों के उत्सर्जन एवं उनके मनुष्यों पर हो रहे दुष्प्रभावों मे भी कमी आयेगी। इस प्रकार लोडिंग एवं परिवहन क्षमता में वृद्धि करते हुए कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी । इधर टोरी – शिवपुर रेल-लाइन तीसरे लाइन के उद्घाटन कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर जीएम अमरेश कुमार दिन रात पसीना बहा रहे हैं।