– आचार संहिता खत्म होने के बाद छोटी सड़कें बनाई जाएंगी
जमशेदपुर : पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने कहा कि बिरसानगर में जल निकासी सबसे बड़ी समस्या है। ऊंची नीची जमीन पर बसे बिरसानगर में अब तक जो भी नालियां बनी हैं, वो घरों के पानी को बाहर निकालने में सफल नहीं हो पा रही हैं। वहीं बरसात के दिनों में निचले और गहरे स्थानों पर जल जमाव हो जाता है। जिसके कारण पानी का प्रवाह नालियों से नहीं होकर घरों में प्रवेश कर जाता है। जिसके तहत उन्होंने बिरसानगर में समेकित नाली विकास योजना का कार्यान्वयन करने का आश्वासन नागरिकों को देते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता समाप्त होते ही इसका प्रस्ताव जमशेदपुर अक्षेस और जिला प्रशासन को देंगे। वहीं मंगलवार की सुबह 7 से लेकर 10 बजे तक उन्होंने बिरसानगर के विभिन्न क्षेत्रों का पैदल भ्रमण करने के दौरान लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं भी सुनीं। बिरसानगर के प्रायः सभी मुख्य सड़कें कालीकृत हो चुकी हैं और बाकी में काम चल रहा है। अब केवल छोटी सड़कें और गलियां ही रह गई हैं। जिनका निर्माण आचार संहिता खत्म होने के बाद आरंभ होगा। इस दौरान लोगों ने सड़कें बनाने के लिए उनका फूल माला पहनाकर स्वागत भी किया। साथ ही घरों से निकलकर खुशी भी जाहिर की। विधायक ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे बिरसानगर को न केवल जमशेदपुर का बल्कि झारखंड का सबसे सुंदर और आदर्श काॅलोनी बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए सरकार से पर्याप्त निधि की स्वीकृति के लिए भी वे सक्रिय हैं। उन्होंने बिरसानगर में बन रहे पीएम आवास क्षेत्र का भ्रमण कर पाया कि काम की गति काफी धीमी है। ईंटे एवं अन्य भवन सामग्रियों की गुणवत्ता सुधारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएम आवास का निर्माण होने के बाद जल निकासी यहां की सबसे बड़ी समस्या बन जाएगी। पीएम आवास के कई खंड ऊंचाई पर बन गये हैं। जबकि कई खंड नीचे गहराई में बने हैं। उन्होंने कहा कि पीएम आवास की प्रगति की समीक्षा के लिए वे नगर विकास विभाग, जमशेदपुर अक्षेस और जुडको जैसी संस्थाओं को चार जून के बाद विधानसभा समिति में हाजिर कराएंगे और योजना की समीक्षा करेंगे। मौके पर विधायक के निजी सचिव सुधीर सिंह, भाजमो के जिला मंत्री विकास गुप्ता, प्रकाश कोया, अमित शर्मा, शंकर कर्मकार, महेश तिवारी, एसएन मिश्रा, नांदिता गगराई, रेखा महानंदी, राजेन कुजूर, मोनि नाग, सरस्वती खमरी, भानू देवी, हैपी सिंह, खोखन बनर्जी, डॉ गोपीनाथ परिडा, दिलिप साव, जीतन मिंज समेत स्थानीय निवासी मौजूद थे।