चांडिल डैम से अतिरिक्त जल छोड़ने का किया आग्रह
जमशेदपुर : पूर्वी विधानसभा क्षेत्र बिरसानगर के एक जागरूक नागरिक ने सोशल मीडिया पर विधायक सरयू राय को गंदे जलापूर्ति की शिकायत सार्वजनिक रूप से की है। वहीं क्षेत्र का विधायक होने के नाते विशेषकर उन्हें यह जानकारी भेजा गया है। जिसके बाद एक सहयोगी ने उनका फोन नम्बर जुगाड़ कर उनसे उपर्युक्त विषयक समस्या का वीडियो भी मंगाया है। बताते चलें कि मोहरदा पेयजल परियोजना संप्रति जेएनएसी और टाटा स्टील यूआईएसएल (पूर्व में जुस्को) की संयुक्त परियोजना है। जिसका व्यय वहन क्रमशः 60 और 40 के अनुपात में दोनों करते हैं। साथ ही परियोजना का संचालन एवं क्रियान्वयन टाटा स्टील यूआईएसएल द्वारा होता है। परियोजना से उपभोक्ताओं को जमशेदपुर जैसे शुद्ध पेयजल की आपूर्ति हो और इसके लिए वे सतत प्रयत्नशील रहते हैं। 2009 से 2017 के बीच परियोजना के निर्माण एवं परिचालन में जितनी कमियां रही हैं, उन्हें दूर करने के लिये जेएनएसी और जुस्को के जिम्मेदार अधिकारियों को जानकारियां देते रहे हैं। उपर्युक्त विषयक समस्या के बारे में विगत 4 वर्षों इन दोनों जिम्मेदार संस्थाओं ने इस बीच काफी कुछ किया है। परंतु पेयजल आपूर्ति की शुद्धता के बारे में उपभोक्ताओं को आश्वस्त नहीं किया जा सका। गर्मी के मौसम में खासकर मई-जून के महीनों में हर साल कीड़ा युक्त गंदा पेयजल की आपूर्ति की शिकायतें आती रही हैं। स्वर्णरेखा में जल प्रवाह कम हो जाने के कारण मोहरदा इंटेक वेल के पास कीड़े जमा हो जाते हैं। वाटर ट्रीटमेंट के वर्तमान उपाय इन कीड़ों को मारने या रोकने में सक्षम नहीं हैं। इसलिए गत 3 वर्षों से उन्हें हर वर्ष चांडिल डैम से अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ने का अनुरोध करना पड़ता है। ताकि ऐसे कीड़े बह कर दूर चले जाएं। हर वर्ष उपभोक्ताओं से शिकायत मिलते ही वे स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के मुख्य अभियंता को देते हैं और उनसे अतिरिक्त जल प्रवाह चांडिल डैम से छोड़ने का मौखिक एवं लिखित अनुरोध भी करते है। इसकी सूचना स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के अलावा उपायुक्त, जेएनएसी और टाटा स्टील यूआईएसएल को लेकर आग्रह करते हैं कि वे चांडिल जलाशय से अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ने के लिए कहें। तब जाकर चांडिल डैम से अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ा जाता है और घरों मे कीडायुक्त जलापूर्ति की समस्या दूर होती है। मगर खेद है कि जब यह समस्या हर वर्ष मई-जून के महीनों में उपस्थित होती है तो इसके लिए अग्रिम प्रयत्न नहीं होता है। मई माह के आरम्भ में ही जेएनएसी और टाटा स्टील यूआईएसएल को चांडिल डैम से अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ने की अधियाचना स्वर्णरेखा परियोजना के मुख्य अभियंता को भेजी जानी चाहिए। परंतु ये दोनों संस्थाएं इस बारे में सचेष्ट नहीं रहती हैं। आशा है कि ये अविलंब चांडिल डैम से अतिरिक्त जल प्रवाह छुड़वाना सुनिश्चित करेंगे। ताकि उपभोक्ताओं को गंदा और कीड़ा युक्त पेय जलापूर्ति से निजात मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि यह विश्वास दृढ़ होते जा रहा है कि मोहरदा परियोजना क्षेत्र समेत पूरे जमशेदपुर के लिए सीधे चांडिल डैम से पेय जलापूर्ति की जाए। इसके लिए जमशेदपुर नगर विकास विभाग, जिला प्रशासन और टाटा स्टील प्रबंधन की संयुक्त पहल आवश्यक है। जबतक यह नहीं होता है तबतक अप्रैल, मई. जून और मानसून आने तक जुलाई महीना में चांडिल डैम से मोहरदा पेयजल आपूर्ति परियोजना के लिए अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ने के लिए स्थायी आदेश निकाला जाए। ताकि हर वर्ष इसकी याद दिलाना न पड़े और उपभोक्ताओं को शिकायत करने की नौबत न आए। उपर्युक्त विवरण के आलोक मे अनुरोध है कि चांडिल डैम से अतिरिक्त जल प्रवाह छोड़ना अविलंब सुनिश्चित कराएंगे।