डॉक्टर रोहित पांडे ने बताया हीट-स्ट्रोक और बीमारियों से बचने का तरीका

मेदिनीनगर: शहर के आबादगंज के एसएच हॉस्पिटल के संचालक सह मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ रोहित पांडे ने जानकारी देते हुवे बताया की भीषण गर्मी ने अपना सितम ढाना शुरू कर दिया है। ऐसे में चाहे बच्चे हों या बड़े, हर किसी को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। इन दिनों खानपान को लेकर या घर से बाहर निकलते समय बरती जाने वाली छोटी-सी लापरवाही भी आपको बड़े खतरे में डाल सकती है। ऐसे में उन्होंने लोगो से बाहर के खाने पीने की चीजों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी हैं।शहर में हीट स्ट्रोक ने ग्रामीणों से लेकर शहरवासियों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इन दिनों सूरज अपना उग्र रूप दिखा रहा है। सुबह से तेज धूप निकलना शुरू हो जा रही है। दिन में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जा रहा है। अभी तापमान और बढ़ने का अंदेशा है।तापमान के बढ़ने के साथ ही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बढ़ गई है। डॉक्टर रोहित पांडे ने खासकर बच्चों पर विशेष ध्यान देने की बात कही है। सुबह से शाम तक तेज धूप और गर्म हवाओं के चलने से लोग बेचैन हो रहे हैं। दिन ढ़लने के बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। उधर, तापमान बढ़ते ही अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लगी हुई है। गर्म हवाओं की चपेट में आकर लोग बीमार हो रहे हैं। कुछ ही दिनों में सिर्फ हीट स्ट्रोक के कारण 50 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं। तेज बुखार, सिर दर्द, चक्कर और दस्त के मरीज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।उन्होंने बताया की हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ गई है। तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण इन दिनों काफी लोग लू की चपेट में आने से डिहाईड्रेशन, चक्कर आना और पेट दर्द की शिकायतों को लेकर अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उनका कहना है कि गर्मी के मौसम में अगर लोग खुद से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं।उन्होंने बताया की लू से बचने के लिए लोग

ज्यादा तापमान और तेज धूप से बचने का प्रयास करें।जरूरी हो तो धूप में छाता लेकर निकलें।ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। जैसे पानी और फलों के जूस इत्यादि।ढीले और लाइट कलर के कपड़े पहनें।शराब और कैफीन से बचने की कोशिश करें।बॉडी को हाइड्रेटेड रखें।धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन,धूप के चश्मे और सिर ढकने के लिए सूती गमछा और टोपी आदि का इस्तेमाल करें।

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