मो. ओबैदुल्लाह शम्सी
लोकसभा चुनाव 2024 के तहत मतदान की प्रक्रिया विगत 1 जून को इसके 7वें चरण की वोटिंग के साथ ही सम्पन्न हो गया था जिसके बाद से ही पार्टियों और प्रत्याशियों के जीत-हार की अटकलों और कयासों का बाजार गर्म है। विभिन्न मीडिया चैनलों और समाचार पत्रों ने अपने-अपने स्तर से एक्जिट पोल जारी करते हुए एनडीए या इंडिया गठबंधन को अधिक सीटों पर चुनाव जीतने और नए सरकार का गठन करने का प्रबल दावेदार बताया। देश के बड़े-बड़े टीवी चैनलों ने अपने एक्जिट पोल में एनडीए के खाते में 400 तक सीटें जाने की बात कहीं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में एक बार पुनः एनडीए गठबंधन की सरकार बनने की भविष्यवाणी की तो वहीं कई अन्य दूसरे चैनलों और सोशल मीडिया नेटवर्क के द्वारा जारी एक्जिट पोल में इंडिया गठबंधन को 300 के करीब सीटों पर जीत दर्ज कर केंद्र से मोदी सरकार की विदाई और इंडिया गठबंधन के नेतृत्व में नए सरकार के गठन का दावा किया। बहरहाल,किसके दावों में कितनी सच्चाई है इसका फैसला कल हो जाएगा।
बता दें कि गिरिडीह और बोकारो जिला प्रशासन ने भी कल होने वाले मतगणना को लेकर व्यापक तैयारियां की हुई हैं। स्ट्रांग रूम के इर्द-गिर्द सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं और प्रशासन वोटिंग की प्रक्रिया के आरंभ से अंत तक पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहने को लेकर दृढ़संकल्पित है।
बिशनपुर,पचम्बा बाजार समिति स्थित मतगणना केन्द्र पर कोडरमा लोकसभा सीट के लिए कुल 6 विधानसभा क्षेत्र के 2552 बुथों पर हुए मतदान की गिनती 139 चक्र में सम्पन्न होंगे जबकि गाण्डेय विधानसभा उप-चुनाव के तहत हुए कुल 375 मतदान केन्द्रों पर मतदान की गिनती कुल 24 राउंड में पूरी की जाएगी।
कोडरमा संसदीय सीट पर बीजेपी प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी और इंडिया गठबंधन प्रत्याशी विनोद सिंह के बीच कांटे की टक्कर है और यह सरलता से कहा जा सकता है कि उक्त सीट पर जीत-हार का अंतर इस बार बहुत ही कम रहने की संभावना है। कमोबेश यही स्थिति और ऐसा ही समीकरण गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में भी है। यहां एनडीए गठबंधन के सीपी चौधरी और जेएमएम के मथुरा महतो के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। निर्दलीय जयराम महतो ने इस सीट पर लड़ाई को काफी हद तक दिलचस्प और रोचक बनाया और वोटों की बड़ी सेंधमारी करने में भी सफल रहे लेकिन फिर भी ये जीत के लिए नाकाफी और अपर्याप्त हैं। गाण्डेय विधानसभा सीट पर जेएमएम की कल्पना सोरेन फ्रंटफुट पर हैं और बीजेपी के दिलीप वर्मा के साथ सीधी टक्कर में वो सहजता पुर्वक बढ़त हासिल करती हुई दिख रही हैं।
केन्द्र की सियासत में भी इस बार 2014 और 2019 वाली बात नहीं है। एनडीए या इंडिया गठबंधन चाहें जीत जिसकी भी हो, अबकी बार 400 पार के वादे पुर्व के चुनावों में बीजेपी के 15 लाख रुपए सभी के बैंक अकाउंट में भेजने और प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियां देने के जैसा ही महज चुनावी वादा और नारा सिद्ध होगा। देश की वर्तमान परिस्थितियों और हालात के मद्देनजर यह कहा जा सकता है कि केन्द्र में इस बार सरकार चाहें जिसकी भी बनेगी वो संयमित और नियंत्रित होगी। इस बार देश की जनता ने किसी एक पार्टी या गठबंधन को प्रचंड और एकतरफा जनाधार नहीं दिया है।