जमशेदपुर : टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड ने अपने सफल रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल (आरआरआर) पहल के विस्तार के रूप में कदमा क्षेत्र के ईसीसी फ्लैट में अपसाइक्लिंग सेंटर का उद्घाटन किया। पिछले साल शुरू किए गए आरआरआर सेंटर ने स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। जिसके आधार पर कंपनी अब अपसाइक्लिंग सेंटर की स्थापना कर अपने प्रयासों को अगले स्तर पर ले जा रही है और जहां एकत्रित कचरे को मूल्यवान उत्पादों में बदला जाता है। जिससे समुदाय के भीतर एक परिपत्र अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है। वहीं कंपनी ने एकत्रित कपड़ों से बैग सिलने के लिए वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रही एक बेरोजगार महिला को नियुक्त किया है। जिसने सफलतापूर्वक हजारों पुन: प्रयोज्य बैग सिले हैं। जिससे उसे एक स्थिर आय प्राप्त हुई है। साथ ही प्लास्टिक बैग के उपयोग को कम करने में योगदान भी मिला है। इसी तरह लोगों द्वारा दान किए गए जूतों की छोटी-मोटी मरम्मत करने के लिए एक कुशल व्यक्ति को लगाया गया है। इससे न केवल जूतों की उम्र बढ़ती है। बल्कि व्यक्ति को नियमित रोजगार भी मिलता है और जिससे स्थानीय शिल्पकला को बढ़ावा मिलता है। इस दौरान एकत्रित प्लास्टिक कचरे को आदित्यपुर में एक पुनर्चक्रणकर्ता के पास भेजा जाता है। जहां इसे पेवर ब्लॉक में बदल दिया जाता है। यह पहल प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने में मदद करती है। साथ ही साथ टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता भी करती है। इसके अलावा कंपनी ने शीट बनाने के लिए मल्टी-लेयर्ड प्लास्टिक को संपीड़ित किया है। जिसका उपयोग अपसाइक्लिंग सेंटर में पुन: उपयोग की गई वस्तुओं के संग्रह के लिए डिब्बे बनाने में किया गया है। 200 लीटर की क्षमता वाले प्रत्येक डिब्बे में 30 किलो प्लास्टिक की खपत होती है। कंपनी ने मेसर्स हथकरघा उद्योग के साथ साझेदारी की है और जो एकत्रित कपड़ों को श्रेडर के माध्यम से संसाधित कर उन्हें ताजा धागे में परिवर्तित करता है। फिर इस धागे का उपयोग फुट मैट, दरी, बेडशीट और कालीन जैसे विभिन्न उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है। यह सहयोग न केवल पुनर्चक्रण को बढ़ावा देता है। बल्कि पारंपरिक बुनाई तकनीकों को भी संरक्षित करता है। अपसाइक्लिंग सेंटर टाटा स्टील यूआईएसएल की पर्यावरण स्थिरता और सामुदायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कचरे को उपयोगी उत्पादों में बदलकर, कंपनी लैंडफिल कचरे को कम कर रही है। साथ ही कार्बन फुटप्रिंट को भी कम कर रही है। इसी तरह जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ावा दे रही है।
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