अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर ने रानी लक्ष्मी बाईं को किया नमन

जमशेदपुर : “बुंदेले हरबोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी।” 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजी हुकूमत के चूल्हे हिला देने वाली महान वीरांगना नारी शक्ति की प्रतीक महारानी लक्ष्मी बाईं के बलिदान दिवस पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर के बैनर तले मंगलवार की संध्या लौहनगरी के देशभक्तों का हुजूम गोलमुरी स्थित शहीद स्थल पर पहुंचा। महारानी लक्ष्मी बाईं का बलिदान इस देश की अमूल्य धरोहर है। उक्त बातें सैन्य मातृशक्ति की प्रदेश महासचिव मंजुला ने अपने संबोधन में कहा। कार्यक्रम का शुभारंभ वीर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया गया। इसके बाद रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर उनकी वीरता, साहस और देशभक्ति को नमन करने के लिए कई मातृशक्ति भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजी हुकूमत के आगे कभी झुकना स्वीकार नहीं किया और आखिरी दम तक झांसी की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लड़ती रहीं। रानी लक्ष्मीबाई का पराक्रम और साहस आज की नारियों के लिए प्रेरणादाई है। उन्हें अपने कर्तव्यों के निर्वहन के साथ-साथ स्वयं की रक्षा करने की प्रेरणा देती है। आज के दौर में अदम्य साहस, अदभुत शौर्य एवं पराक्रम की प्रतिमूर्ति अमर शहीद वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई नारी शक्ति के साथ साथ सभी युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण है। झांसी की रानी ने मातृ भूमि के गौरव और स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। कार्यक्रम का संचालन नीता शर्मा ने किया। जबकि रूबी सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम भारत और वीर झांसी की रानी के उद्घोष से वातावरण गुंजायमान रहा। वहीं आगामी 23 जून रविवार को परिषद का अंग सैन्य मातृशक्ति द्वारा वीरांगना झांसी की रानी के शौर्य एवं पराक्रम को नमन के लिए हिंदुस्तान मित्र मंडल में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मौके पर मंजुला, शर्मिला, पूनम, रूबी, कंचन, रीना, मीरा, भावना, सविंदर, उर्मिला, नीता, अर्चना, अंजू, जितेंद्र सिंह, वरुण कुमार, अवधेश कुमार, गौतम जयसवाल, उमेश सिंह, मनोज सिंह, सत्येंद्र कुमार सिंह, राजेश कुमार, सुखविंदर सिंह, विनय यादव, रासकुंज शर्मा, घनश्याम यादव, विनेश प्रसाद, पवन कुमार, अनिल सिन्हा, हरे राम, दया भूषण, हरिशंकर पांडे समेत अन्य मौजूद थे।

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