जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार में मंगलवार जिला बाल संरक्षण ईकाई की समीक्षा बैठक डीसी अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें जिले में किशोर न्याय अधिनियम एवं नियमावली तथा समाज कल्याण विभाग के जिला बाल संरक्षण इकाई के अंतर्गत संचालित विभिन्न संस्थानों की गतिविधियों, कार्यक्रमों तथा योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में उन्होंने जिले में संचालित संप्रेक्षण गृह, बाल गृह, विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान, ओल्ड एज होम में रह रहे बच्चों एवं बुजुर्गों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की जानकारी भी ली। साथ ही जिले में बालिका गृह एवं वर्किंग वीमेन हॉस्टल के निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश भी दिए। इस दौरान मिशन वात्सल्य योजना, स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर आदि की समीक्षा की गई। डीसी द्वारा बाल संरक्षण गृहों में आवासित बच्चों के पठन-पाठन कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने, विभिन्न शारीरिक-मानसिक गतिविधियों से जोड़ने, सभी गृहों में नियमित अंतराल पर बच्चों के स्वास्थ्य जांच किए जाने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण समिति यह सुनिश्चित करें कि देख-रेख एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले 0 से 18 वर्ष यथा नवजात, परित्यक्ता, बेसहारा, लावारिस, कूड़ा बीनने वाले उपेक्षित बच्चे, बाल श्रमिक, बाल विवाह, बाल वेश्यावृत्ति, असाध्य रोगों से पीड़ित बच्चे समेत अन्य किसी प्रकार के शोषण से पीड़ित बच्चें हो, उनको बेसहारा और उपेक्षित होने से बचाना है। समिति की बैठक नियमानुसार एवं समय-समय पर सरकार के आदेशानुसार किया जाए। बैठक में डीडीसी मनीष कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, जिला बाल संरक्षण ईकाई के पदाधिकारी कर्मी, बाल सुधार गृह के काउंसलर, कोओर्डिनेटर, सोशल वर्कर, एनजीओ के प्रतिनिधि समेत अन्य भी मौजूद थे।