मेदिनीनगर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलामू, गढ़वा और लातेहार की महिलाओं को 1,000 रुपए की सौगात दी. उन्होंने गुरुवार (22 अगस्त) को वीर नीलांबर पीतांबर की धरती से रिमोट का बटन दबाकर योजना के लिए निबंधित पलामू प्रमंडल के तीनों जिलों की महिलाओं के खाते में 1,000-1,000 रुपए ट्रांसफर किए।रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर संताल परगना के पाकुड़ से इस योजना का हेमंत सोरेन ने शुभारंभ किा था. पाकुड़ के बाद वह पलामू पहुंचे. चियांकी में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी महागठबंधन की सरकार रांची हेडक्वार्टर से चलने वाली सरकार नहीं है. यह सरकार गांव-देहात से चलने वाली सरकार है।हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड गठन के 20 साल बाद भी बहुत से ऐसे इलाके हैं, जहां आज तक कोई अधिकारी नहीं गया. लेकिन, हमारी सरकार ने फैसला किया कि हमारी सरकार गांव से चलेगी. इसलिए हमने गांव-गांव में शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया. उन्होंने कहा कि ये लोग हमको जमीन माफिया, जमीन चोर बोलते थे. इसी आरोप में मुझे जेल भेज दिया. इन लोगों के पास झारखंड में कोई नेता नहीं है. ये लोग असम और मध्यप्रदेश से नेता लाते हैं. पार्टियों को तोड़ने का काम करते हैं. गलतबयानी करते हैं. हमारी सरकार को रोकने के लिए दिन-रात षड्यंत्र करते रहते हैं।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लिए पहली बार शिविर नहीं लगी. इसके पहले भी पदाधिकारियों ने टोला, पंचायत में जाकर शिविर लगाई और गरीबों एवं बुजुर्गों की समस्याओं को सुना और उसका समाधन किया. जिन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया, वो हमारे पास पहुंची. हम उनका समाधान करने में लगे हैं. इसी कड़ी में हमने कई योजनाओं को गांव तक पहुंचाया।हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने विकास की जो लकीर खींची है, उसे 20 साल में तो क्या कोई 50 साल में भी नहीं कर पाएगा. कोरोना का संकट खत्म हुआ, तो भाजपा के लोगों ने हमारी सरकार गिराने के षड्यंत्र शुरू कर दिए. हमें दो-ढाई साल तक परेशान किया. जेल में भी डाल दिया. लेकिन, भगवान के घर में अंधेरा नहीं होता है. सच्चाई छुप नहीं सका. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हम आपलोगों के बीच में हैं. हमारे काम से ये लोग घबरा गए।हेमंत सोरेन ने कहा कि जब गांव ही मजबूत नहीं होगा, तो शहर को कैसे मजबूत किया जा सकता है. इसलिए हमने गांवों को मजबूत करने का काम शुरू किया. गांवों में गिने-चुने बुजुर्गों को पेंशन मिलती थी. गांवों में वृद्धापेंशन के लिए हमारे बुजुर्ग दलालों के चंगुल में फंस जाते थे. आज बिना पेंशन का कोई बुजुर्ग नहीं है. हमने पेंशन की उम्र 60 साल से घटाकर 50 साल कर दिया. हेमंत सोरेन ने कहा कि आज गांव के बुजुर्ग अपनी उम्र 50 साल होने का इंतजार करते हैं. उन्हें इंतजार रहता है कि कब उनकी उम्र 50 साल होगी और उन्हें पेंशन मिलेगी।हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार बनते ही बड़ी-बड़ी समस्याएं आने लगीं. सरकार बनने के बाद कोरोना जैसी महामारी आ गई. ऐसी महामारी कि सबको अपने ही घरों में कैद रहना पड़ा.जो जहां था, वहीं फंसा रह गया. हमने अपने लोगों को हवाई जहाज, रेल गाड़ी और बसों में लाद-लादकर उनके घरों तक पहुंचाया. भाजपा की सरकार ने लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया।बेटियों की चिंता न कीजिए. उनकी परवरिश की जिम्मेदारी हम निभायेंगे. सावित्री बाई फुले योजना से हमने पहले 9 लाख बेटियों को जोड़ा. अब यह संख्या बढ़कर 15 लाख होने जा रही है. अब बेटियां वकील, पत्रकार, डॉक्टर और इंजीनियर बनेंगी. सरकार उनकी पढ़ाई के लिए गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के जरिए 15 लाख रुपए तक देगी. जब तक पढ़ाई पूरी नहीं होगी, तब तक पैसे वापस नहीं करने पड़ेंगे. पढ़ाई पूरी करने के बाद जब नौकरी लगेगी, तब पैसे वापस करना है. गुरुजी क्रेडिट कार्ड लेकर जाओ, तुरंत 15 लाख रुपए स्वीकृत हो जाएंगे।हेमंत सोरेन ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. कहा कि विपक्षी दल के लोग युवा आक्रोश रैली निकालेंगे. इन्होंने युवाओं का बेड़ा गर्क कर दिया. फौज में, रेलवे में, कोल इंडिया में और बैंकों में सबसे ज्यादा नियुक्तियां होती थी, वहां नियुक्तियां बंद हो गईं. नौकरियों की जिम्मेदारी राज्य सरकारों पर डाल दिया है. हम अपनी तरफ से युवाओं को नौकरी देने की कोशिश कर रहे हैं।हेमंत सोरेन ने कहा कि नवंबर-दिसंबर में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. इसके पहले लोकसभा के चुनाव हुए. चुनाव में उन्होंने हिंदू-मुस्लिम का खेल खेला. लेकिन जनता ने उन्हें पूर्ण बहुमत की सरकार से उठाकर पटक दिया. सरकार बनाने के लिए बैसाखी की जरूरत पड़ी. झारखंड विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. आप लोगों को पहचानिए. अगर फिर से हमारी सरकार बनी, तो आपके खाते में 5 साल में 1,00,000 (एक लाख) रुपए देंगे।महज दो सप्ताह में 45 लाख से अधिक महिलाओं ने झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में अपना नाम पंजीकृत करवाया. अब तक 43 लाख महिलाओं के आवेदन को स्वीकृति दी जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने घोषणा कर रखी है कि 31 अगस्त से पहले सभी पंजीकृत महिलाओं के खाते में सम्मान राशि की पहली किस्त के 1,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।अगले महीने से यानी सितंबर के महीने से हर महीने की 15 तारीख को पंजीकृत लाभुकों के खाते में 1,000-1,000 रुपए डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किए जाएंगे. समारोह को हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, बैद्यनाथ राम, सत्यानंद भोक्ता और दीपिका पांडेय सिंह ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं के बीच झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का स्वीकृति पत्र का वितरण किया।झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज पलामू में हैं. पलामू में वह पलामू प्रमंडल की महिलाओं को झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ देने के लिए पहुंचे हैं।झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना झारखंड की झामुमो-कांग्रेस-राजद की महागठबंधन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना के तहत महिलाों के खाते में हर महीने 1,000 रुपए भेजे जाएंगे।मंईयां सम्मान योजना के तहत झारखंड की महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपए मिलेंगे. इसके लिए उन्हें मंईयां सम्मान योजना के तहत खुद को पंजीकृत कराना होगा. इसके बाद साल में 12,000 रुपए उनके बैंक अकाउंट में डीबीटी के जरिए ट्रांसफर किए जाएंगे।