गढ़वा: सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार के आदेशानुसार भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार ने सीएचसी के सामने संचालित हो रहे मेडिकल एवं पैथोलॉजी सेंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण की भनक मात्र से दुकानदारों में हड़कंप मच गया। और आधा दर्जन अधिक दुकानदारों ने अपना-अपना दुकान बंद कर के फरार हो गए।निरीक्षण के दौरान नन्हकूली चौधरी का मेडिकल, मॉडर्न पैथोलॉजी, समीमा मेडिकल, बजरंग पैथोलॉजी,यादव मेडिकल, ज्योति पैथोलॉजी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान नन्हकूली चौधरी मेडिकल का रजिस्ट्रेशन नही होने पर जब एक रजिस्ट्रेशन नही होता है तब तक दुकान बंद करने को बोला गया वहीं मॉडर्न पैथोलॉजी का निरीक्षण किया गया जब रजिस्ट्रेशन का नही होने की बात संचालक द्वारा बोले जाने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा पैथोलॉजी को बंद करने का आदेश देते हुआ कहा की यह आखरी अल्टीमेटम है बिना रजिस्ट्रेशन के पैथोलॉजी को खोला गया तो दुकान को सील करते हुए कानूनी कारवाई किया जाएगा। डॉ. हरिहर पाल के दुकान को निरीक्षण के दौरान अपना किसी भी तरह का कोई कागजात नही दिखाया गया वहीं किसी अन्य उषा कुमारी का रजिस्ट्रेशन का पेपर दिखाया गया जिसके बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.दिनेश कुमार ने एक घंटा के अंदर अपना सर्टिफिकेट एवं रजिस्ट्रेशन का पेपर कार्यालय में लेकर उपस्थित होने को बोला गया अन्यथा दुकान को बंद करने करने को बोला गया। वहीं जो दुकानदारों के द्वारा रजिस्ट्रेशन होने की बात कहा गया उन सभी को एक घंटा के अंदर कार्यालय में अपना कजगत जमा करने करने को कहा गया है। वहीं निरीक्षण की सूचना मिलते हीं न्यू लाईफ पैथोलॉजी, सूरज पैथलोजी,नीलू बैठा का मेडिकल संचालक दुकान बंद करके फरार हो गए। मौके पर लिपिक अरुण लकड़ा,सुनील पटेल,बीटीटी अनुज कुमार सहित सीएचसी के गार्ड शामिल थे।
*चार माह में भी पैथोलॉजी संचालक पर नहीं हुई कारवाई*
मालूम हो कि बीते माह 3 मई को स्थानीय सीएचसी में इलाज कराने पहुंचे अरसली दक्षिणी के वनखेता टोला निवासी मरीज विरेन्द्र यादव के जांच रिपोर्ट भ्रामक पाये जाने पर ओपीडी में बैठे डॉक्टर दिनेश कुमार ने भवनाथपुर सीएचसी के सामने संचालित मॉडर्न पैथोलॉजी जांच घर के संचालक को बुलाकर डिग्री की जानकारी लेते हुए लैब के कागजात की मांग की थी,जिसपर संचालक ने उस वक्त भी लैब का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की बात कही थी। जिसके बाद गढ़वा डीसी शेखर जमुआर ने इसपर संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन को जांचोपरांत लैब संचालक पर कारवाई करते हुए कार्यालय में रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था,जिसके आलोक में तत्कालीन अस्पताल के प्रभारी डॉ रंजन दास ने मॉडर्न पैथोलॉजी केंद्र के संचालक से पूछताछ करने के उपरांत कारवाई के लिए जांच रिपोर्ट जिला के पदाधिकारी को भेज दिया था,लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी पैथोलॉजी संचालक पर कोई कारवाई नहीं की गई,और न ही संचालक ने दुकान का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया,और बेधड़क अस्पताल के सामने पैथोलॉजी लैब संचालन कर रहा है।