गढ़वा: गढ़वा में भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने परिसदन भवन में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा की आखिर क्या कारण है कि चंपई सोरेन और लोबिन जैसे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के समर्पित नेता लगातार पार्टी छोड़कर भाजपा जैसी कार्यकर्ता आधारित पार्टी में शामिल हो रहे हैं? दरअसल, झामुमो एक परिवारवादी पार्टी बन चुकी है, जिससे नेताओं को अपना राजनीतिक भविष्य अंधकारमय लग रहा है। यही कारण है कि अभी भी झामुमो के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं। विधायकों का कहना है कि यदि भाजपा में हमारे लिए भी जगह है, तो हमें भी शामिल कर लीजिए। हालांकि, हमलोगों को सोच-समझकर निर्णय लेना होगा, क्योंकि हमारे अपने कार्यकर्ता भी हैं।श्री मरांडी ने कहा कि कदाचार रोकने के नाम पर सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है, जिससे भाजपा के परिवर्तन यात्रा के डिजिटल प्रचार को बाधित किया जा रहा है। आम जनता को ऑनलाइन भुगतान जैसी जरूरी सेवाओं में दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने कहा कि जिस परीक्षा के नाम पर इंटरनेट सेवा बंद की गई है, उसमें भी गड़बड़ी की संभावना है, जो आने वाले दिनों में सामने आ सकती है।मरांडी ने आगे कहा कि झारखंड में परिवर्तन होकर रहेगा, क्योंकि झामुमो ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। इसलिए हेमंत सोरेन को मोरहाबादी मैदान में कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि झामुमो ने वादा किया था कि महिलाओं को प्रति माह 2,000 रुपये चूल्हा खर्च देंगे, लड़कियों को शादी में सोने का सिक्का देंगे, वृद्ध, विकलांग और विधवाओं को 2,500 रुपये पेंशन देंगे, ग्रीन कार्ड बनाकर प्रति सदस्य 5 किलो अनाज देंगे, आदिवासी युवाओं को 25 करोड़ रुपये तक का ठेका देंगे, और 5 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। लेकिन पिछले पांच सालों में सरकार ने इन वादों को पूरा नहीं किया, जिससे युवाओं को नौकरी या बेरोजगारी भत्ता तक नहीं मिला। उल्टे, भादो माह की इस गर्मी में उत्पाद सिपाही बहाली के नाम पर युवाओं की जानें ली जा रही हैं।इंटरनेट सेवा बंद करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए मरांडी ने कहा, “क्या झारखंड के बच्चे दंगाई या आतंकवादी हैं, जिनके लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई है?उन्होंने जमीन की लूट और सीएनटी एक्ट के साथ हो रहे खिलवाड़ की भी आलोचना की, और कहा कि झारखंड में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर मरांडी ने कहा, “भाजपा मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनाव नहीं लड़ रही, बल्कि बेहतर झारखंड बनाने के लिए लड़ रही है।पत्रकार वार्ता में पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष बालमुकुंद सहाय, अलखनाथ पांडे, जिला अध्यक्ष ठाकुर महतो, रघुराज पांडे, विनोद तिवारी और भगत सिंह आदि मौजूद थे।