16 जनवरी को,श्री राम जन्मभूमि से ज्योत अखंड ज्योत को सोमवार कि संध्या लगभग चार बजे कतरास संकट मोचन मंदिर के पास आने के बाद ग्राम वासियों के द्वारा उनका भव्य स्वागत होगा।
कतरास: भंडारीडीह स्थित दुःख हरण बाबा मंदिर के प्रांगण में रविवार को पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। मंदिर के अध्यछ छोटू पासवान ने बताया की श्री श्री दुःख हरण बाबा मंदिर हमारे पूर्वजों के द्वारा बनाया गया था जो 50 वर्षों से अधिक समय का पुराना मंदिर था। इस मंदिर को हम सभी ग्राम वासियों के सहयोग से इसका भव्य निर्माण कराने का काम किया।श्री पासवान ने कहा 8 दिवशीय कार्यक्रम होगा जिसमे प्रतिदिन भागवत कथा किया जायगा। मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा हम लोग 22 जनवरी 2025 को वेद प्रकाश पंडित जी के द्वारा कराया जाएगा। कार्यक्रम को 16 तारीख से लगातार 22 तारीख तक इस मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम चलता रहेगा। भागवत कथा संध्या 4:00 बजे से होगा। श्री पासवान ने कहा 16 तारीख को कलश यात्रा भंडारीडीह बाबा मंदिर के प्रांगण से निकाला जायगा जो चलकर सूर्य मंदिर नदी किनारे पहुंचेंगे जहां कलश में जल भर कर मेन रोड, थाना चौक, सब्जी पट्टी, रानी बाजार होते हुवे पुन : मंदिर में पहुंच कलश रखना है।कलश यात्रा में लगभग 501 महिलाओं की संख्या होगी, जिसमें 251 कलश होंगे,साथ में निशान ध्वज होगा और आकर्षक झांकियां होगी ,ताशा पार्टी होंगे ,डीजे होंगे व टोली सिंगर के साथ साथ झांकियां में झांसी की रानी होगी ,महाराणा प्रताप व शिव पार्वती गणपति जी होंगे ,राम सीता हनुमान होंगे ,कृष्ण राधा होंगे, नारायण लक्ष्मी होंगे नारद जी होंगे दुर्गा माता होंगे काली माता होगी , सबसे अहम बात है कि मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा में हम लोगों ने श्री राम जन्मभूमि से अखंड ज्योत मंगवाने का काम किया है अयोध्या से लाने के लिए हमारे यहां से अभिभावकगण शनिवार को ही रवाना हो चुके हैं , सोमवार कि संध्या लगभग तीन से चार बजे हमारा अखंड ज्योत कतरास संकट मोचन मंदिर के पास आने के बाद हम सभी ग्राम वासियों के द्वारा उनका भव्य स्वागत करेंगे और वहां से स्वागत करते हुए हम लोग अपने मंदिर दुःख हरण धाम को लेकर के आएंगे। मौके पर छोटू पासवान,ललित प्रसाद गुप्ता, लक्ष्मण रवानी, संजय भुइयां, दुःखन भुइयां, मनोज कुमार पासवान, निरंजन विश्वकर्मा, श्रवण भुइयां, सिता राम भुइयां, बालक भूईया, विजय पासवान, किशोरी पासवान, प्रकाश सिंह, मुकेश सिंह, श्रीकांत साव आदि लोग मौजूद थे।