Bokaro : करम महोत्सव डहरे करम बेड़हा का आयोजन किया. इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आकर्षक झांकियों के साथ करम शोभायात्रा निकाली गई. जो आईटीआई मोड़ चास से नया मोड़ बिरसा चौक तक पहुंच करम आखड़ा में तब्दील हो गई. इस अवसर पर लगभग पंद्रह से बीस हजार की संख्या में करम टीम जावा के साथ भाग लिया.
पारंपरिक बेसभूषा के साथ सभी मांदर की थाप पर करम गीतों की धुन पर थिरकते आगे बढ़ रहे थे. इस अवसर पर पांच सौ से अधिक मांदर, ढोल, नगाढ़ा के साथ निकली भव्य करम रैली में हजारों की बिशाल भीड़ के साथ आईटीआई मोड़ चास से निकली जो नयामोड़ के बिरसा चौक में बिरसा मुंडा के माल्यार्पण के सल्या समापन हुआ. इस अवसर पर करम के गीतों से , मांदर की थाप और नगाड़े की गूंज से पूरा शहर पर गूंजायमान रहा. करम परब झारखंड की समृद्धिशाली सांस्कृतिक त्योहार है. इस सांस्कृतिक बिरासत को बचाने, उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए हमेशा से मंच का प्रयास रहा है.
झारखंड के मूलवासी हो या आदिवासी प्रकृतिपूजक रही है और अपनी सांस्कृतिक उत्सवों के साथ पारंपरिक जीवन शैली के साथ अपनी अनूठी पहचान को समेटे हुए है. इस संस्कृति में आखड़ा की परिपाटी रही है जहां झारखंड के लोग ढोल, नगाड़ों और मांदर की थाप पर थिरककर अपनी मां, माटी, मानुष और मातृभाषा के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं. मंच नें इसे सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया है .
जो काफी सफल रहा. लोगों की जबर्दस्त भागीदारी के लिए लोगों का आभार प्रकट करते हुए कहा झारखंड का सांस्कृतिक पर्व करम जावा भाई बहनों के अटूट प्रेम को दर्शाता है। सावन के महीने में मूसलाधार फुहारों में खेतों में खेती करके लहलहाते फसलों को देखकर खुश होती है और बहनें अपने भाइयों की सलामती, लंबी उम्र की कामना करते हुए करम पर्व मनाती है। बृहद झारखंड कला सांस्कृतिक मंच का यह संकल्प है कि सांस्कृतिक जागरण का मशाल जलाया जो जलती रहेगी । इसी आकांक्षा के साथ एक कोशिश की गई। इस कार्यक्रम में पूरे बोकारो में सांस्कृतिक लहर उत्पन्न किया है।