108 एंबुलेंस के अभाव में दो महिला मरीजों की मौत

– दोनों की गंभीर स्थिति को देखते हुए डाक्टर ने 24 घंटे पहले ही रांची रिम्स किया था रेफर

– परिजन लगातार 108 पर फोन कर एंबुलेंस की कर रहे थे मांग, चालक आधे घंटे में आने की बात कह रहा था

– 24 घंटे बाद भी नहीं आई एम्बुलेंस, हो गई मरीज की मौत

जमशेदपुर : कोल्हान के सबसे बड़े एक मात्र सरकारी अस्पताल एमजीएम में 108 एंबुलेंस न मिलने पर शुक्रवार दो मरीजों की मौत हो गई। वहीं दोनों मरीज महिला है। जिसमें सीतारामडेरा होम पाइप कल्याण नगर निवासी 18 वर्षीय खुशबू भगत और पटमदा लावा गांव की रहने वाली 46 वर्षीय आरती महतो शामिल है। मामले में मृत खुशबू के भाई मुकेश भगत ने बताया कि उन्होंने 29 घंटे में 33 बार तथा आरती महतो के परिजनों ने 16 घंटे में 27 बार 108 पर एंबुलेंस के लिए फोन करते रहे। मगर एंबुलेंस नहीं आई। जिसके कारण दोनों की मौत हो गई।

जिसके बाद दोनों मरीज के परिजनों ने अस्पताल और सरकार की व्यवस्था को कोसते हुए हंगामा भी किया। इस दौरान परिजन अस्पताल परिसर में खड़ी अस्पताल एंबुलेंस सेवा को बंद करने की बात भी कह रहे थे। वहीं मृत खुशबू के भाई ने बताया कि खुशबू को 10 अक्टूबर की रात्रि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था और जहां उसका इलाज चल रहा था। इस दौरान स्थिति में सुधार न होने के कारण डाक्टरों ने 12 अक्टूबर की सुबह लगभग 8 बजे उसे रांची रिम्स के लिए रेफर कर दिया था। जिसके बाद से ही 108 पर फोन किया जा रहा था तो जवाब मिल रहा था कि अभी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है और आधा घंटे बाद दोबारा संपर्क किजिए। गुरुवार की सुबह से शाम तक ऐसा ही चलता रहा। पुनः शुक्रवार की सुबह से वहीं जवाब मिल रहा था। इसी बीच एक बजे मरीज की मौत हो गई। उनका कहना है कि 29 घंटे के दौरान उन्होंने 33 बार फोन किया हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इलाज के अभाव में ही उसकी बहन की मौत हुई है। अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो शायद उसकी जान बच जाती। वहीं पटमदा लावा गांव की रहने वाली 46 वर्षीय आरती महतो को सांस लेने में तकलीफ होने पर परिजनों ने उसे गुरुवार की दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान गुरुवार की रात्रि उनकी स्थिति और गंभीर हुई तो डाक्टरों ने मरीज को रांची रिम्स रेफर कर दिया। वहीं मरीज के परिजन सुशेन ने बताया कि वे रात्रि 10 बजे से 108 पर एंबुलेंस के लिए फोन लगा रहे हैं। जबकि उधर से आधे घंटे में एंबुलेंस भेजने की बात कही जा रही थी। साथ ही मरीज की खराब स्थिति को देखते हुए वे हर आधे घंट पर फोन कर रहे थे।

मगर हर बार वहीं जवाब मिल रहा था। इस दौरान शुक्रवार की दोपहर दो बजे महिला की मौत हो गई। आरती के परिजनों ने बताया कि उन्होंने 16 घंटे में 27 बार 108 एंबुलेंस के लिए फोन किया था। वहीं 108 एंबुलेंस को लेकर लगातार आंदोलन करने वाले जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता विमल बैठा ने कहा कि एमजीएम अस्पताल में 108 एंबुलेंस के अभाव में लगातार मरीजों की जान जा रही है। जबकि वे इसके लिए लगातार आंदोलन भी कर रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकार, स्वास्थ्य विभाग, एमजीएम प्रबंधन व जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। साथ ही उन्होंने दोनों मरीजों की मौत का जिम्मेवार 108 एंबुलेंस सेवा को बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में गरीब लोग इलाज कराने आते हैं। जिनके पास इतने भी पैसे नहीं होते कि वे रांची रिम्स जा पाए। या फिर किसी बड़े अस्पताल में जा पाएं।

ऐसे में मरीजों के साथ यह अमानवीय व्यवहार ठीक नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर समस्या का तत्काल समाधान नहीं होता है तो वे बड़ा आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।जबकि मामले में अस्पताल अधीक्षक डाॅ रविंद्र कुमार ने कहा कि 108 एंबुलेंस को लेकर पिछले कुछ दिनों से परेशानी हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। वैसे अभी नई एजेंसी को 108 सेवा संचालन की जिम्मेवारी दी गई है। जिससे यह परेशानी हो रही है। मगर आश्वासन मिला है कि तत्काल व्यवस्था में सुधार किया जाएगा। मामले को लेकर मृत महिला खुशबू भगत के भाई मुकेश भगत ने अस्पताल प्रबंधन से लिखित शिकायत भी की है। साथ ही इसकी कॉपी राज्य के मुख्यमंत्री, जिले के डीसी और सिविल सर्जन को भी प्रेषित की है।

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