जमशेदपुर : कहते हैं कि ‘इंसान का बड़प्पन उसकी हैसियत नहीं इंसानियत तय करती है।’ जहां आज के समय में अपने ही अपनों के प्रति ईमानदारी नहीं दिखाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए ईमानदारी ही सब कुछ है। जिसका जीता जागता उदाहरण टाटा स्टील सिक्योरिटी इंस्पेक्टर अशोक ओझा ने पेस किया है। हुआ यूं कि देर रात्रि इंस्पेक्टर अशोक ओझा अपनी टीम के साथ वाहन पर सवार होकर पेट्रोलिंग करने के लिए ईसीसी फ्लैट की तरफ जा रहे थे। इसी बीच उन्होंने कदमा बाजार के पीछे फार्म एरिया रोड नंबर 23 क्रॉस रोड नंबर 5 के पास एक पर्स गिरा हुआ देखा। जिसके बाद उन्होंने वाहन रोककर पर्स को उठाया। वहीं पर्स में नगदी के साथ पहचान पत्र भी मौजूद था।
जिसमें सौविक डे नामक युवक का पता लिखा हुआ था। जिसके बाद इंसानियत का परिचय देते हुए वे उक्त व्यक्ति के घर पहुंचे और उन्हें पर्स मिलने की सूचना दी। साथ ही उन्हें टाटा स्टील यूआईएसएल परिसर के अंदर स्थित टाउन सिक्योरिटी कंट्रोल रूम में आकर पर्स लेने की बात कही। उनके कहे अनुसार युवक शनिवार की सुबह 6 बजे कंट्रोल रूम में पहुंचा। जहां इंस्पेक्टर अशोक ओझा ने पर्स उनके सुपुर्द कर दिया। पर्स में नगद 3800 रुपए समेत पैन कार्ड, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य कागजात मौजूद थे।
इस दौरान युवक ने उनका आभार व्यक्त करते हुए पर्स मिलने से संबंधित एक लिखित आवेदन भी कंट्रोल रूम में दिया। सिर्फ यही नहीं इंस्पेक्टर अशोक ओझा ने टाटा स्टील कम्पनी में इससे भी बड़े-बड़े अनगिनत मामले कम्पनी के नाम किया है। जिसके तहत लगभग 700 से भी ज्यादा चोरी की घटनाओं का उद्भेदन कर मामला दर्ज भी किया है।